बिहार, महाराष्ट्र जैसे राज्य चुप रह सकते हैं, पर बंगाल लडऩा और विरोध करना जारी रखेगा, चाहे स्थिति जो भी रहे। देश को बचाने के लिए सिर्फ पश्चिम बंगाल साम्प्रदायिक राजनीति और असहिष्णुता के खिलाफ लड़ सकता है। भाजपा पर प्रहार करते हुए ममता ने कहा कि धर्म के नाम पर देश में चल रही असहिष्णुता रूपी लहर को केवल पश्चिम बंगाल ही रोक सकता है।
जब मैं देखती हूं कि यह हमारा देश है और यहां ये सब हो रहा है तो मुझे दुख होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को मिलकर रहना और शांति बनाए रखना चाहिए ना कि तलवारें भांजनी चाहिए। शर्म की बात है कि वह इस धरती पर पैदा हुईं।
जेल भी जाना मंजूर ममता ने कहा कि वह भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। इसके लिए यदि उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वह तैयार हैं। उन्होंने गोमांस और गोहत्या पर हो रही राजनीति की तीव्र आलोचना की।
उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में हूं, लेकिन इसने मुझे यह अधिकार नहीं दिया कि मैं यह तय करूं कि दूसरे लोग क्या खाएं? यह असली धर्म नहीं है। धर्म हमें इस पर राजनीति करने और लोगों को मारने की सीख नहीं देता। धर्म का मतलब विश्वास, शांति, प्रेम और भाईचारा है।
धर्म के नाम पर उपद्रव भाजपा नेता श्यामापद मंडल की टिप्पणी पर ममता ने कहा कि जब देश की तरफ नजर उठाकर देखती हूं तो लगता है कि जगह-जगह सांप जहर उगल रहा है। आजकल सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स की भरमार है जो लोगों का धर्म पूछ रहा है।
हाल ही में उक्त भाजपा नेता ने मुझे न महिला और न पुरुष कहा है। वह जानती हैं कि मंडल को यह कहने की हिम्मत कहां से आई है। धर्म के नाम पर ये लोग देशभर में उपद्रव फैला रहे हैं। इस अवसर पर ममता ने बौद्ध धर्म के अनुयायियों समेत अन्य लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि युगों तक बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता बनी रहेगी।