मूल रूप से आजमगढ़ जिले निवासी हैं अकबर अहमद डंपी अकबर अहमद डंपी मूल रूप से आजमगढ़ जिले की आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र के बिंदवल गांव के रहने वाले हैं। इनके दादा, सर इकबाल अहमद अंग्रेजी शासन काल में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। इनके पिता इस्लाम अहमद उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख रहे थे। अकबर अहमद डंपी ने इंग्लैंड से चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी की है। अकबर अहमद डंपी संजय गांधी के गरीबी दोस्तों में रहे है। संजय गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार और मेनका गांधी के बीच हुए मतभेद के बाद अकबर अहमद डंपी ने मेनका गांधी का खुलकर साथ दिया। मेनका गांधी के साथ मिलकर अकबर अहमद डंपी ने संजय विचार मंच का गठन किया और लंबे समय तक संजय विचार मंच के जरिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे। मेनका गांधी का खुलकर साथ देने की वजह से अकबर अहमद डंपी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा था।
1998 का लोकसभा चुनाव जीते अकबर अहमद डंपी अकबर अहमद डंपी (Akbar Ahmed Dumpy) ने पहली बार 1996 में तिवारी कांग्रेस के टिकट पर आजमगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में वे चुनाव हार गए। इसके बाद अकबर अहमद डंपी ने बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और उन्होंने 1998 का लोकसभा चुनाव बसपा की टिकट पर लड़ा। इस चुनाव में अकबर अहमद डंपी 5365 वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के अकबर अहमद डंपी सपा के रमाकांत यादव से चुनाव हार गए थे। यदि अकबर अहमद डंपी आजमगढ़ लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी बनते हैं तो निश्चित रूप से वह मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर आजमगढ़ में 2024 का लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय बना देंगे। जिसके चलते समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है और आजमगढ़ का लोकसभा चुनाव काफी रोचक बन जाएगा।
आजमगढ़ से अभिषेक सिंह की रिपोर्ट