हाल में हुए बीएमसी चुनाव में जीतने वाली एबीएस की अकेली उम्मीदवार गीता को शिवसेना और बीजेपी दोनों लुभाने में लगे थे। क्योंकि दोनों दल बीएमसी पर नियंत्रण स्थापित करना चाहते हैं। गैंगस्टर अरुण गवली की बड़ी बेटी गीता ने अपना फैसले लेने से पहले शिवसेना के दो नेताओं एकनाथ शिंदे एवं अनिल देसाई से मिली थीं।
इसके बाद में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से भी मुलाकात की। हाल में हुए 227 सदस्यों वाली बीएमसी के चुनाव में बीजेपी को 82, जबकि शिवसेना को 84 सीटें मिलीं। 31 सीटों के साथ कांग्रेस तीसरे, नौ सीटों के साथ राकांपा चौथे और सात सीटों के साथ मनसे पांचवें स्थान पर रही।
पहले भी मदद कर चुकी है एबीएस एबीएस ने शिवसेना-बीजेपी गठजोड़ को 2012 में सदन में अपना बहुमत साबित करने में मदद की थी। उस समय गठबंधन के पास 106 सदस्य थे और मेयर का चयन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आठ वोट कम पड़ रहे थे।
गत मंगलवार को शिवसेना ने वरिष्ठ पार्षद यशवंत जाधव को अपना समूह नेता नियुक्त किया था। चार निर्दलीय पार्षदों समेत 88 पार्षदों के समर्थन के साथ जाधव ने समूह के तौर पर कोंकण संभागीय आयुक्त के सामने पंजीकरण कराया था। बीजेपी ने मनोज कोटक को बीएमसी में पार्टी का समूह नेता नियुक्त किया।