आरोपी हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार हुआ था। बाद में जमानत पर रिहा होने के बाद अदालती कार्रवाई से बचने के लिए वह फरार हो गया था। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
संयुक्त पुलिस आयुक्त रवीन्द्र यादव ने बताया कि 21 जनवरी 2011 को तिलक नगर में गाड़ियों की खरीद बिक्री करने वाले एक व्यवसायी धरमपाल और महेश बाजवरे की संदीप गाबा और उसके कुछ साथियों ने जमकर पिटाई की थी और दोनों को अधमरा कर दिया था। लोगों को डराने के लिए घटना स्थल से जाते समय इन लोगों ने हवा में गोलियां भी चलाई थीं।
इस मामले में राजौरी गार्डन थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 323/307/308 और 34 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस पूरे जोर-शोर से आरोपियों की तलाश में जुट गई थी कि इसी बीच 27 अगस्त को उसे यह खुफिया जानकारी मिली कि इस मामले का एक आरोपी नितिन दिल्ली छावनी में पुराने थाने के निकट किसी से मिलने आने वाला है।
इस जानकारी के आधार पर वहां जाल बिछाया गया और आरोपी को पकड़ लिया गया । पूछताछ में नितिन ने बताया कि बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह नीतू दाबोधिया और ऋषि सुरखपुरिया जैसे कुख्यात गिरोह के संपर्क में आ गया था जो लोगों से फिरौती उगाहने का काम करते थे।
साल 2011 में राजौरी गार्डन में एक व्यावसायिक विवाद के मामले में इन लोगों ने नितिन को भी शामिल किया था। इस विवाद के दौरान दूसरे पक्ष के लोगों पर जानलेवा हमला करने में नितिन ने गिरोह के लोगों का साथ दिया था। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी और फिर जमानत मंजूर हो गई थी। जमानत पर रिहा होते ही नितिन फरार हो गया। अदालत ने 2015 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था ।