पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह ने बताया कि उस्मान खान को गुरुवार रात संजय झील इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस को हत्या, हत्या के प्रयास और फिरौती समेत कई अपराधों के सिलसिले में अरसे से उस्मान की तलाश थी। पुलिस के अनुसार अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार उस्मान खान 1996 में मुंबई गया था, जहां उसकी मुलाकात वसीम नामके एक व्यक्ति से हुई थी।
वसीम टी-सीरिज मालिक गुलशन कुमार की हत्या में शामिल रहे शार्प शूटर गिरोह का सदस्य था। वसीम ने ही उसकी मुलाकात अबू सलेम से करवाई थी। जिसके बाद वह सलेम के गिरोह में शामिल हो गया था। अबू सलेम ने उस्मान खान को आफताब भक्ती नामके एक शख्स से मिलवाया था, जो दुबई और कराची से जाली भारतीय नोट छापने का धंधा चलाता था।
उस्मान खान ने भक्ती के गिरोह के लिए भी काम करना शुरु कर दिया और नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत में जाली नोट पहुंचाने लगा था। इस मामले में 2000 में उस्मान खान को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। जमानत मिलने के बाद वह दोबारा मुंबई लौट गया और वहां अबू सलेम के इशारे पर मुंबई फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से फिरौती वसूलने का काम करने लगा।
फिरौती वसूलने के क्रम में उसने पॉप गायक दलेर मेंहदी और फिल्म निर्माता राकेश रौशन पर भी गोलियां चलाई थी। फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन के पति अनिल थडानी पर गोली चलाने के आरोप में वह गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उसे मुंबई जेल में डाल दिया गया था।
उस्मान खान जेल से रिहा होने बाद 2010 में दिल्ली आ गया था। लेकिन वह यहां भी अवैध हथियारों का कारोबार करने लगा।इसी दौरान शस्त्र कानून के तहत उस्मान खान को क्ल्याणपुरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। विकासपुरी में एक कारोबारी की हत्या के मामले में उसे आरोपी ठहराया गया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद से वह फरार हो गया और अदालत में पेश नहीं हुआ जिसकी वजह से उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।