इस तरह रची साजिश
एडीसीपी बजरंग सिंह ने बताया कि गर्व खण्डेलवाल अक्सर धनश्री टावर में आशीष पेड़ीवाल से रुपए का लेन-देन करने आता था। मामले में फरार आरोपी संदीप सिंह को लेन-देन का पता था। संदीप ने वारदात को अंजाम देने के लिए आशीष के कर्मचारी सुनील महावर को रुपए का लालच देकर अपने साथ साजिश में मिला लिया। संदीप ने अपने परिचित कर्मवीर, मनोज कुमार, लोकेन्द्र उर्फ लौकी एवं विकास योगी को विद्याधर नगर स्थित एक कैफे में बुलाया और लूट की साजिश रची। एक मार्च को सुनील ने संदीप को रुपए के लेन-देन की सूचना दी।
सभी को दिए गए अलग अलग टास्क
थानाधिकारी राकेश ख्यालिया ने बताया कि संदीप ने साथियों को अलग-अलग टास्क दिए थे। कर्मवीर को बैग छीनने, विकास को आखों में लाल मिर्च पाउडर डालने और मनोज को बाइक स्टार्ट रखने का टास्क दिया था। वारदात के बाद मनोज दोनों साथियों को बाइक से झोटवाड़ा स्थित कमरे पर ले गया, जहां सभी आरोपियों ने लूट की राशि आपस में बांट दी।