scriptन ऑडिट कराई न ही दिया रिकॉर्ड, फिर भी अवसायन से चाही छूट | Case of housing construction cooperative society | Patrika News
जयपुर

न ऑडिट कराई न ही दिया रिकॉर्ड, फिर भी अवसायन से चाही छूट

सात साल पहले अवसायन में ली गई गृह निर्माण सहकारी समिति का मामला। विभाग के ही एक अधिकारी ने ली है काम पूरा कराने की जिम्मेदारी।

जयपुरMar 28, 2024 / 12:31 pm

Om Prakash Sharma

न ऑडिट कराई न ही दिया रिकॉर्ड, फिर भी अवसायन से चाही छूट

न ऑडिट कराई न ही दिया रिकॉर्ड, फिर भी अवसायन से चाही छूट

जयपुर. एक गृह निर्माण सहकारी समिति ने रजिस्ट्रार के यहां लम्बित अपील को विड्रो करने के बाद जयपुर शहर के उप रजिस्ट्रार को प्रार्थना पत्र पेश कर अवसायन की कार्रवाई से छूट चाही है। दस्तावेज पेश नहीं करने और ऑडिट नहीं कराने पर इसी कार्यालय ने सोसायटी को वर्ष 2017 में अवसायन में लिया था। उप रजिस्ट्रार (जयपुर शहर) ने सोसायटी पर निगरानी का जिम्मा सहकारी निरीक्षक को दिया था। सोसायटी को अवसायन में लेने वाला कार्यालय ही कागजी निस्तारण में जुटा हुआ है।
यह मामला हसनपुरा-बी गृह निर्माण सहकारी समिति का है। समिति को उप रजिस्ट्रार जयपुर शहर ने 25 मई 2017 को अवसायन में लेने के आदेश दिए थे। सोसायटी ने न ऑडिट कराया था न ही रिकॉर्ड विभाग को दिया। उप रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के यहां अपील की। कोई निर्णय होता उससे पहले ही अपील को विड्रो कर लिया गया।
उप रजिस्ट्रार के आदेश पर बुलाई आमसभा: अपील विड्रो करने के बाद सोसायटी सदस्यों की ओर से उप रजिस्ट्रार कार्यालय में ही प्रार्थना पत्र पेश कर अवसायन से मुक्ति चाही है। उप रजिस्ट्रार हरप्रीत कौर ने 15 मार्च को तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। वर्तमान अवसायक ने 15 मार्च को विज्ञप्ति जारी कर सोसायटी की 31 मार्च को आम सभा बुला ली। जबकि इसी सोसायटी की एक योजना को लेकर सहकारी अधिनियम की धारा 55 के तहत जांच भी लम्बित है। सोसायटी ने अभी तक रिकॉर्ड भी नहीं दिया है।
सोसायटियों पर निगरानी के लिए गठित है कमेटी
गृह निर्माण सहकारी समितियां न ऑडिट कराती है न ही सहकारी विभाग को रिकॉर्ड उपलब्ध कराती है। ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान लेकर सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव की निगरानी में कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी हर माह बैठक भी करती है। हालांकि प्रभावी निगरानी कहीं नजर नहीं आती।
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नियमानुसार कार्रवाई के लिए कहा है। बाकी कार्रवाई अवसायक को करनी है, उनकी जानकारी ले सकते हैं।
– हरप्रीत कौर, उप रजिस्ट्रार, जयपुर शहर

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