पांच फीसदी माल ही बिका
संसार चंद रोड स्थित दुकान पर काम करने वाले कपिल ले बताया कि करीब 25 लाख का माल भरा था। इसमें से 5% की ही बिक्री हुई। चुनाव सामग्री नहीं बिक रही तो अब धार्मिक झंडे बेचना शुरू कर दिए हैं।
ऐसे समझें महत्व
● 05 से 15 लाख रु. तक पैकेज ले रहे सोशल मीडिया पर प्रचार का ● 15 से 20 पैसे प्रति एसएमएस पर खर्च हो रहे प्रत्याशियों के ● 1.15 रुपए वाट्सऐप पर मैसेज भेजने का लिया जा रहा प्रत्याशियों से
इधर, तेजी से बढ़ रहा व्यापार
प्रचार सामग्री की दुकानों पर भले ही मंदी छाई रही हो, लेकिन चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई। इसके लिए फील्ड से लेकर ऑफिस तक में पांच से सात लोगों की टीम रहती है। लाखों के पैकेज होते हैं। लाइव कार्यक्रम लोगों के बीच पहुंचता है। सोशल मीडिया और एसएसएस से लेकर कॉलिंग का व्यापार करोड़ों का है। 50 वर्ष से इस कारोबार में हैं, लेकिन इस बार सर्वाधिक मंदी है। हम प्रचार के दौरान इंतजार ही करते रहे, लेकिन कोई सामग्री खरीदने नहीं आया। नई पीढ़ी को इस व्यापार से दूर रखेंगे। कुछ और कराएंगे।
– विष्णु अग्रवाल, व्यापारी, त्रिपोलिया बाजार लोकसभा चुनाव में विस चुनाव की तुलना में प्रत्याशी कम होते हैं। 20 फीसदी ही व्यापार हुआ है। पिछले लोस चुनाव की तुलना में यह बहुत कम है। विस चुनाव में झंडे-बैनर के अलावा नेताओं के कट आउट भी खूब बिके थे।
– चेतन अग्रवाल, व्यापारी, संसार चंद रोड