शशिकला के जाने के बाद उनके परिजन पोएस गार्डन स्थित आवास में रह रहे हैं। दीपक ने यह दावा करके शशिकला के परिवार को मुश्किल में डाल दिया है। एक निजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में दीपक ने कहा, वे जयललिता पर लगाए गए 100 करोड़ रुपए के जुर्माने का भुगतान करने को तैयार हैं, लेकिन पोएस गार्डन पर उनका और दीपा का ही हक है। हालांकि दीपक ने राजनीति में आने से इनकार किया है।
दीपक ने कहा, वे शशिकला को बुआ और पार्टी महासचिव मानने के लिए तैयार हैं लेकिन उनके रिश्तेदार टीटीवी दिनकरण और वेंकटेश को कैसे पार्टी में पद दिया जा सकता है? खुद को राजनीति से दूर रखते हुए दीपक ने अपनी बहन दीपा के राजनीतिक प्रवेश का समर्थन किया।
गौरतलब है कि जयललिता की मृत्यु के बाद तमिलनाडु में सियासी घमासान मचा हुआ है। लोग उनके शोक से बाहर निकल भी नहीं पाए थे कि मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच घमासान शुरू होगा गया।
पनीरसेल्वम कहते हैं कि उनके सपने में अम्मा आर्इं और उन्होंने कहा कि वे उनकी कब्र के पास जाएं और तमिलनाडु की बागडोर अपने हाथो में लें! पन्नीरसेल्वम 2011 से 2014 तक तीन साल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि शशिकला ने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।
पन्नीरसेल्वम का कहना है कि जब वे मुख्यमंत्री के पद पर पर थे तब उन्हें कई बर बेइज्जत किया गया। इतना ही नहीं पन्नीरसेल्वम पर इस्तीफे के लिये दबाव बनाया गया और उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिये मजबूर किया गया। उनका कहना है कि जयललिता चाहती थीं कि वे मुख्यमंत्री बने।
गौरतलब है कि जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को कार्यकारी मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। वहीं शशिकला को पार्टी की कमान सौंपते हुए महासचिव का पद दिया गया था। पर कई दिनों की राजनीतिक उठापटक के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शशिकला के भरोसेमंद ई. पलनीसामी को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। पलनीसामी के साथ 30 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।