मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक आमिर रशादी ने कहा, ‘यह सरकार ही आतंकवादी है। यहां हिंदू और मुसलमानों के बीच नफऱत पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस पर ही आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उसे बंधक बनाया और अंदर से गोलियां चलाई।
रशादी के आपत्तिजनक बयान के खिलाफ यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) ने रसादी के खिलाफ सैफुल्लाह के परिजनों को भड़काने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। मध्य प्रदेश ट्रेन ब्लास्ट में पकड़े गए संदिग्धों के परिवारों से मिलने आए रशादी ने कहा, ‘एनकाउंटर फर्जी है। आरएसएस के एजेंडे पर चुनावों में पोलराइजेशन के लिए यह किया गया है। इसी तरह मुलायम सिंह यादव के साथ ही अखिलेश यादव पर भी मुसलमानों को दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि पूरे एपिसोड से डीजीपी लापता हैं। पहले कहा कि इसमें आईएस का हाथ है और बाद में मना किया। झूठ एडीजी बोल रहे हैं या नीचे के लोग बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुसलमानों को एक साथ आकर इन लोगों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
रशादी ने कहा, ‘पुलिस वालों के नार्को टेस्ट के लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस मामले में लड़कों के घरवालों को तैयार कर रहा हूं। पहले कहा गया कि सैफुल्लाह की बात उसके परिवार से कराने की कोशिश की पर फिर बात ही नहीं कराई गई। पहले कहा गया कि उसके पास 3 पासपोर्ट मिले। बाद में 2 पासपोर्ट की बात कही गई।’
रशादी ने सैफुल्लाह के पिता सरताज को लेकर कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि वह गुस्सा होकर घर से गया था। एक दिन पहले उसने वीजा लगने की बात बताई थी। क्या मरने वाले के हाथ में पिस्टल होती है?
मकान के अंदर जितने हथियार मिले वो सब पुलिस के थे। फायरिंग फैजुल्ला नहीं कर रहा था खुद पुलिसवाले अंदर से कर रहे थे। आईएस का झंडा दिखाया गया वो भी पूरी तरह से साजिश का ही हिस्सा है। इस फर्जी एनकाउंटर से मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए आरएसएस ने ये काम किया है।