अधिकारियों ने कहा कि नासिक जिला परिषद (Nashik Zilla Parishad) का स्वास्थ्य विभाग जून को मलेरिया विरोधी माह के रूप में मनाता है। इस अवधि में लक्षण होने पर आम जनता को तुरंत ब्लड टेस्ट करवाने के लिए जागरूक किया जाता है। जबकि मलेरिया रोधी माह (Anti-Malaria Month) को मानसून के दौरान नेशनल वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector Borne Disease Control Programme) के हिस्से के रूप में मनाया जाता है।
मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि जैसे विभिन्न रोग जो कीड़ों द्वारा फैलते हैं, वे मानसून के दौरान फसल में जाने वाले लोगों को जल्दी चपेट में ले लेते हैं। इन रोगों के लक्षण सर्दी, बुखार, बदन दर्द, शरीर पर रैशेज आदि हैं। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए और संबंधित रोगियों को तुरंत अपना ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। इन बीमारियों के लिए ब्लड टेस्ट सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
स्थानीय प्रशासन लोगों में जागरूकता फैला रहा है और उन्हें अपने आसपास साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित कर रहा है, ताकि पानी एक जगह जमा न हो। यदि यह संभव नहीं है, तो गप्पी मछली को पानी में छोड़ दें या क्रूड ऑयल को पानी के पोखर में डाल दें। इससे वहां मच्छर आदि नहीं पनपेंगे।
ग्रामीणों को साथ ही यह भी सलाह दी जा रही है कि वे पानी के कंटेनरों को कसकर ढक कर रखें और स्क्रैप, प्लास्टिक के कप और इस्तेमाल किए गए टायर जैसे सामानों को हटा दें, ताकि उनमें पानी जमा न हो।
इसके साथ ही सप्ताह में एक दिन ‘ड्राई डे’ के तहत पानी के सभी कंटेनर खाली कर धोएं और सुखाएं। साथ ही लोगों को मच्छरदानी का प्रयोग करने की भी सलाह दी जा रही है।