एक कपड़ा व्यापारी ने कहा कि थोक बाजार में इन सामान की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है और तृणमूल से जुड़ा सामान ज्यादा बिक रहा है। इसके बाद माकपा और कांग्रेस से जुड़े सामान की बिक्री हो रही है। हालांकि, भाजपा से जुड़े सामान की मांग कम है। व्यवसायी ने कहा कि उनसे राजनीति से जुड़े सामान के बारे में लगातार पूछा जा रहा है जो कि इनकी मांग में आई तेजी को दिखाता है।
उन्होंने अनुमान जताया कि त्योहारी मौसम के बाद इन सामान की मांग बढ़ेगी। कपड़ा निर्माता इस मांग को पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं।
एक अन्य कपड़ा व्यापारी ने कहा कि राजनीतिक नारों वाली पॉलिस्टर टी-शर्ट की मांग बढ़ रही हैं। टीएमसी के सामान की ज्यादा मांग है जबकि भाजपा और अन्य दलों के सामान की ज्यादा मांग नहीं है। हम और मांग बढऩे पर अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
कई ऑनलाइन ई-कॉमर्स मंच भी लोकसभा चुनावों के लिए लोगों के उत्साह का फायदा उठा रहे हैं और चलन में मौजूद परिधानों से लेकर चाबी के छल्लों और घर की साजसज्जा के सामान तक कई राजनीतिक सामान की बिक्री कर रहे हैं। एक प्रमुख ई-कॉमर्स मंच के एक विक्रेता ने बताया कि अन्य दलों के मुकाबले भाजपा के सामान की बिक्री अधिक हो रही है।
मतदान प्रवृत्ति राजनीतिक समझ पर निर्भर: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने बताया कि टी-शर्ट और साडिय़ां जैसे रंगीन राजनीतिक परिधान किसी पार्टी की जनता के बीच मौजूदगी को बढ़ाते हैं लेकिन मतदान प्रवृत्ति राजनीतिक समझ और चुनाव की प्रकृति पर निर्भर करती है चाहे यह राष्ट्रीय स्तर पर हो या स्थानीय स्तर पर। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि लोगो और तस्वीरों के माध्यम से दृश्य प्रभाव का मतदाताओं पर बड़ा असर पड़ता है। चुनाव प्रचार में हमेशा कुछ नया होता रहेगा।
खेला होबे, नेशन विद नमो, नमो अगेन जैसे नारों वाली टी-शर्ट की बिक्री बढ़ी
खेला होबे, नेशन विद नमो और नमो अगेन जैसे नारों वाली टी-शर्ट की बिक्री में इजाफा हो गया है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बड़ाबाजार और कोलकाता के कैनिंग स्ट्रीट के थोक बाजार में तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वाले सामान की बिक्री बढ़ गई है जबकि भाजपा के समर्थन वाले सामान ऑनलाइन मंचों पर काफी बिक रहे हैं। पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में खासतौर पर राजनीति से जुड़े सामान की मांग बढ़ रही है जहां पहले कुछ चरणों में ही मतदान होना है।