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खूंखार बंदरों की दहशत झेलते रहेंगे लोग, पुरानी फर्म अब नहीं पकड़ेगी बंदर, निगम ने नहीं खोले टेंडर

पुरानी फर्म ने बंदरों को पकड़ना बंद कर दिया है। आचार संहिता की वजह से नगर निगम ने अभी तक टेंडर नहीं खोले हैं।

बरेलीApr 17, 2024 / 08:11 pm

Avanish Pandey

बरेली। शहर से लेकर देहात तक खूंखार बंदरों की दहशत लोगों को अभी और झेलनी पड़ेगी। पुरानी फर्म ने बंदरों को पकड़ना बंद कर दिया है। आचार संहिता की वजह से नगर निगम ने अभी तक टेंडर नहीं खोले हैं। इसकी वजह से बंदर खुलेआम घूमकर लेागों को तंग कर रहे हैं।
एक साल में एक हजार बंदरों को पकड़ने का किया था दावा
फर्म ने एक साल में एक हजार बंदरों को पकड़ने का दावा किया था। बंदर पकड़ने वाली फर्म ने हाथ खड़े कर दिए तो टेंडर प्रक्रिया शुरू की। तब तक आचार संहिता लग गई। पुरानी फर्म को ही बंदर पकड़ने के लिए मनाया जा रहा है। जबकि खूंखार बंदरों ने लोगों को परेशान कर रखा है। शहर में बंदर पकड़ने के टेंडर में लगातार लापरवाही हो रही है। कभी बंदर पकड़ने वाली फर्म नहीं मिल रही तो कभी टेंडर की दरों को लेकर एजेंसी सहमत नहीं हुई। पिछले साल यही खींचतान में बीत गए।
मथुरा की फर्म को मिली थी जिम्मेदारी
मथुरा की जाविद कांट्रेक्टर्स फर्म को 100 बंदर पकड़ने का ठेका जैसे तैसे दिया गया। बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर तो ले लिया था लेकिन गर्मी का मौसम बताकर अभियान खानापूर्ति चलाया। नगर निगम ने फर्म को नोटिस देकर डिबार करने की चेतावनी दी तो अभियान चलाकर बंदर पकड़े गए। शहर में कई हजार बंदर हैं जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। लोग बंदरों के डर से छतों पर नहीं जाते हैं। घरों में लोहे के जाल लगवा लिए हैं। ताकि बंदर प्रवेश न कर सकें। आए दिन बंदर लोगों पर हमला करते हैं। छोटे बच्चों को निशाना बनाते हैं।
134 रुपये में एक बंदर पकड़ने की अनुमति
बंदरों को पकड़ने के लिए कई साल से कवायद चलती रही। पिछले साल तीन फर्म ने बंदर पकड़ने के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। इसमें से एक फर्म ने सबसे कम दरे पर टेंडर डाला। नगर निगम ने उसी फर्म को 100 बंदर पकड़ने का टेंडर कर दिया। एक बंदर पकड़ने के लिए फर्म को 134 रुपये का टेंडर जारी किया गया। फर्म ने एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक एक हजार बंदर पकड़े गए। किला, बड़ा बाजार, साहूकारा, बिहारीपुर, खन्नू मुहल्ला, सिटी, आलमगिरीगंज, राजेंद्रनगर, मौला नगर, कालीबाड़ी, भूड़, जाटवपुरा, रामपुर गार्डन, पवन विहार, सौदागरान, सिविल लाइंस व शाहबाद वार्ड समेत कई अन्य कॉलोनी व मोहल्ले पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. आदित्य तिवारी ने बताया कि पुरानी फर्म 134 रुपये में प्रति एक बंदर को पकड़ रही। 31 मार्च तक एक हजार के करीब बंदरों को पकडा जा चुका है। आचार संहिता के वजह से टेंडर नहीं हुआ है। पुरानी फर्म से ही बंदरों को पकड़वाया जाएगा।

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