नीतीश कुमार ने यहां मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में आयोजित ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य की मांग पर बिहार में मध्यावधि चुनाव के लिए वह तैयार हैं लेकिन बिहार के साथ ही उत्तरप्रदेश में भी मध्यावधि चुनाव कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश के राजग के सांसदों को इस्तीफा देकर दोनों राज्यों की रिक्त लोकसभा सीट के लिए भी मध्यावधि चुनाव कराने का रास्ता तैयार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मौर्य का नाम लिए बगैर कहा कि आश्चर्य है कि इस तरह की मांग भी की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग नोटिस लिए जाने लायक भी नहीं है।
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन वर्ष की उपलब्धियां गिनाने के लिए रविवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मौर्य ने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उन्हें प्रदेश में किए गए अपने बेहतर कार्यों पर भरोसा है तो विधानसभा को भंग कर चुनाव कराएं।
राधामोहन का नीतीश पर पलटवार कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए उनसे सवाल किया कि वह राज्य के किसानों को ब्याज रहित ऋण क्यों नहीं उपलब्ध करा रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को फसल ऋण पर पांच प्रतिशत ब्याज सहायता देती है। किसानों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना , आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान तथा पंजाब राज्य खजाने से किसानों को चार प्रतिशत अतिरिक्त सहायता देते हैं। जिससे किसानों को ब्याज रहित ऋण मिलता है। बिहार के मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उनके राज्य के किसानों को यह लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।