script‘जलाशयों को सुरक्षित रखते तो चेन्नई को यह दिन नहीं देखना पड़ता’ | Preservation of natural water bodies would have protected the city, says CSE | Patrika News

‘जलाशयों को सुरक्षित रखते तो चेन्नई को यह दिन नहीं देखना पड़ता’

Published: Dec 03, 2015 11:54:00 pm

Submitted by:

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) का कहना है कि अगर चेन्नई में प्राकृतिक जलाशयों और निकासी प्रणालियों को संरक्षित रखा गया होता तो आज यह नौबत नहीं आती।

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) का कहना है कि अगर चेन्नई में प्राकृतिक जलाशयों और निकासी प्रणालियों को संरक्षित रखा गया होता तो आज यह नौबत नहीं आती।


सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने एक बयान में कहा कि हमने लगातार इस बात को उठाया है कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और श्रीनगर आदि शहरों में प्राकृतिक जलाशयों के संरक्षण पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है।

Chennai Flood

चेन्नई में हर झील में बारिश के अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था थी। लेकिन बेतहाशा निर्माण और अतिक्रमण से अधिकांश झीलों में पानी की निकासी की व्यवस्था बाधित हुई है। हम निकासी की कला को भूल गए हैं।
Chennai Flood

हम हर जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं और भूल गए हैं कि पानी के लिए भी जगह चाहिए। ‘डाउन टू अर्थ’ पत्रिका में कुछ महीने पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चेन्नई में जलाशयों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है। 
Chennai Flood

एक जलाशय या झील भूमिगत जल को रिचार्ज करता है जिससे शहर की पानी की कमी दूर होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो