मनरेगा मजदूरों को नहीं हो रहा भुगतान, ढाई माह से लगा रहे चक्कर
राजसमंद. जिले के मनरेगा श्रमिकों का जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े से भुगतान अटका हुआ है। भुगतान नहीं होने के कारण श्रमिकों को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। श्रमिक भुगतान के लिए पंचायतों के चक्कर लगा रहे हैं। जिले में वर्तमान में 2.35 लाख श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
मनरेगा मजदूरों को नहीं हो रहा भुगतान, ढाई माह से लगा रहे चक्कर
मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इसमें कच्चे और पक्के काम करवाए जाते हैं। प्रत्येक काम के लिए एक पखवाड़े का मस्टरोल जारी होता है। जिले में वर्तमान में 2.35 लाख श्रमिक मनरेगा में काम कर रहे हैं। स्थिति यह है कि अधिकांश स्थानों पर 15 जनवरी के बाद से श्रमिकों का भुगतान नहीं हुआ है। श्रमिक भुगतान के लिए ग्राम पंचायतों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें वहां भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है। श्रमिकों का अब तक छह पखवाड़े का बकाया हो गया है
यह होती है प्रक्रिया
मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों की ओर से एक पखवाड़े का मस्टरोल जारी किया जाता है। मनरेगा में मेट श्रमिकों की ओर से किए गए कार्यो का नाप-चौक कर इन्द्राज करता है। वहां से यह मस्टरोल, पंचायत समिति और वहां से जिला परिषद पहुंचाया जाता है। भुगतान के लिए मुख्यालय भेजा जाता है। वहां से ऑनलाइन भुगतान श्रमिकों के सीधे खाते में जमा होता है। यह सतत प्रक्रिया है।
सीधे बैंक खाते में आता भुगतान
जिले में वर्तमान में करीब 2.35 लाख मनरेगा श्रमिक काम कर रहे हैं। 15 जनवरी के बाद श्रमिकों का भुगतान नहीं हुआ है। इनके बिल आदि भिजवाए जा चुके हैं। फंड की कमी के कारण हो सकता है भुगतान नहीं हो रहा हो।
– अनिल सनाढ्य, एसीईओ जिला परिषद राजसमंद
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