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शशिकला ने बताया, जयललिता के निधन की रात क्यों नहीं बनी मुख्यमंत्री

Published: Feb 13, 2017 07:34:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला ने सोमवार को दावा किया कि पन्नीरसेल्वम सहित पार्टी के सभी लोग चाहते थे कि वे उसी रात प्रदेश की मुख्यमंत्री बन जाएं जब पूर्व मुख्यमंत्री जयलिलता का निधन हुआ था।

Sasikala

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एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला ने सोमवार को दावा किया कि पन्नीरसेल्वम सहित पार्टी के सभी लोग चाहते थे कि वे उसी रात प्रदेश की मुख्यमंत्री बन जाएं जब पूर्व मुख्यमंत्री जयलिलता का निधन हुआ था। अपने समर्थकों को शशिकला ने बताया कि उन्होंने उस वक्त सीएम बनने से इनकार कर दिया था क्योंकि उस समय उन्हें मुख्यमंत्री का पद महत्वपूर्ण नहीं लगा। शशिकला ने कहा कि आज पार्टी को तोडऩे की कोशिश कर रहे पन्नीरसेल्वम ने साबित कर दिया कि वे कभी अम्मा के प्रति वफादार नहीं थे।
जयललिता का आवास पोएस गार्डन के बाहर अपने समर्थकों से बातचीत में शशिकला ने कहा, मैंने सीएम बनने से इनकार कर दिया क्योंकि उस वक्त यह पद मुझे जरूरी नहीं लगा। मैं आपको यह इसलिए बता रही हूं क्योंकि आपको पता होना चाहिए। 
आप उस वक्त वहां नहीं थे। मैं उस समय अम्मा की पार्थिव देह के साथ रहना चाहती थी। शशिकला ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम को एक बार फिर आड़े हाथों लेते हुए कहा, पन्नीरसेल्वम एक साधारण इंसान थे, उन्हें इस ऊंचाई तक जयललिता ने ही पहुंचाया। अब वे एआईएडीएमके को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि वे कभी वफादार नहीं थे।
प्रदेश में सरकार बनाने की जुगत में लगी शशिकला ने कहा, यह 5 दिसंबर को ही हो जाता। मुझे पता था कि कई लोग पार्टी को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। उस रात, मैं भी दुखी थी, मैंने पन्नीरसेल्वम सहित पांच मंत्रियों को बुलाया और उन्हें पद संभालने को कहा। मैंने उन्हें कहा कि पन्नीरसेल्वम सीएम बन सकते हैं और बाकी अपना मंत्रालय संभालें।
शशिकला ने दावा किया कि उनको 129 विधायकों का समर्थन हासिल है और सरकार बनने का उनको पूरा भरोसा है। मैं कह सकती हूं कि एआईएडीएमके सत्ता में आएगी। हम लगातार दूसरी बार सत्ता में है। अगली बार भी हम आएंगे। मैं उसके लिए कुछ भी करूंगी।
जयललिता की सबसे करीबी दोस्त शशिकला ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन जब बीमार थे, तब उन्होंने जयललिता को पार्टी का प्रचार सचिव बनाया था। अम्मा का काम था लोगों की समस्याएं सुनकर उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचाना। वे अपने काम में बेजोड़ थीं। तमिलनाडु में कोई ऐसी जगह नहीं थी, जहां वे नहीं गईं। आज एआईएडीएमके में एक करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ता हैं। मैंने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया।
शशिकला ने आगे कहा, एमजीआर के निधन के बाद अम्मा के साथ कोई नहीं था। वे एमजीआर के शव के पास खड़ी थी, उस वक्त मैं उनके साथ थी। सीनियर नेताओं के बीच हो रही बातचीत से ही हमें पता चल रहा था कि उस वक्त क्या चल रहा है। 
अचानक, वे उनके शव को पारिवारिक संस्कार के लिए अंदर ले गए। एक सीनियर मंत्री ने दरवाजा बंद कर दिया। जब दरवाजा खुला तो उनके शव को सेना के वाहन में रखा गया और एक आर्मी का जवान हमें शव के पास ले गया ताकि हम उनको पुष्पांजलि दे सकें।
उन्होंने आगे बताया, कि एमजीआर की पत्नी जानकी के कुछ रिश्तेदारों ने अम्मा को गाड़ी से धक्का दे दिया। वे गिर गईं तब मैंने ही उनको सहारा देकर उठाया। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर श्रीपाल चाहते थे कि हम अम्मा को घर ले जाएं क्योंकि कुछ मंत्री उनके साथ मारपीट करने की सोच रहे थे। इस पूरे घटनाक्रम से अम्मा दुखी थीं और राजनीति में लौटना नहीं चाहती थी, पर मैंने उनसे ऐसा न करने का आग्रह किया।
शशिकला ने कहा कि उनकी कहानी भी अम्मा जैसी ही है। मेरा काम भी पार्टी के कार्यकर्ताओं की अर्जी अम्मा तक पहुंचाना था। मैंने कभी किसी और चीज में दिलचस्पी नहीं ली। मैं उनकी यात्राएं अरेंज करती थी और गठबंधन को लेकर होने वाली बातचीत में शामिल होती थी।
उन्होंने कहा, मैं देखकर हैरान रह जाती थी कि विधानसभा में पन्नीरसेल्वम डीएमके के सदस्यों के साथ दोस्ताना व्यवहार करते थे। मुझे लगा कि यह ठीक नहीं है। कुछ और मंत्री भी ऐसा करते थे। डीएमके नेता दुरैमुरुगन ने कहा कि अगर पन्नीरसेल्वम सीएम होंगे तो हम समर्थन दे देंगे। मुझे उम्मीद थी पन्नीरसेल्वम कहेंगे कि हमें उनके समर्थन की जरूरत नहीं है, पर उन्होंने ऐसा नहीं कहा।

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