सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शशिकला मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम की जगह लेंगी। इसकी आधिकारिक घोषणा संभवत: 8 या 9 फरवरी को होगी। लेकिन इस संबंध में अंतिम फैसला कल रविवार (5 फरवरी) को पार्टी विधायकों की बैठक में होगा। इस बैठक की अध्यक्षता शशिकला स्वयं करने वाली हैं।
उल्लेखनीय है कि जयललिता की विश्वासपात्र और नजदीकी पूर्व मुख्य सचिव शीला बालकृष्णन और उनके दो अन्य निजी सचिवों ने शुक्रवार रात इस्तीफा दे दिया। शीला बालकृष्णन को जयललिता ने सरकार का सलाहकार बनाया था।
विधायक दल की बैठक के एजेंडे के बारे में पार्टी नेता कुछ नहीं बता रहे हैं। विधायकों द्वारा अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला से मुख्यमंत्री पद संभालने का अनुरोध करने से जुड़ी खबरों की पुष्टि भी नहीं की गई है।
पिछले दिनों फिर से सक्रिय हुए शशिकला के पति नटराजन ने भी कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत नहीं है। लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री बदलने को लेकर हलचल मची है। लोकसभा उपाध्यक्ष एम. तंबीदुरै समेत अन्य ने मुख्यमंत्री पद पर शशिकला को बैठाए जाने का समर्थन किया है।
पार्टी में संगठनात्मक बदलाव 5 दिसंबर 2016 को मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद 31 दिसम्बर को शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाया गया था। शशिकला ने शुक्रवार को वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के प्रमुख पदों पर नियुक्त किया जिन्होंने उनके प्रति निष्ठा दिखाई है इनमें पूर्व मंत्री के. ए. सेंगोट्टयन और महानगर के मेयर रहे मेयर सईदै दुरैसामी भी शामिल हैं। शशिकला (6 2) लगभग तीन दशक तक जयललिता की सहयोगी रही हैं और उन्हें हमेशा अन्नाद्रमुक में सत्ता के केंद्र के रूप में देखा जाता रहा है।