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‘हम पहले मुस्लिम हैं भारतीय बाद में, मदरसों पर तिरंगा नहीं फहराएंगे’ रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल जगवीर सिंह ने बताया कि एक तरफ जहां चीन ने उस दौरान हिंदू-चीनी भाई-भाई का नारा दिया था। वहीं पीठ पीछे छूरा घोपा था। उन्होंने बताया कि उस दौरान भारत के पास में हथियार कम थे। साथ कुछ सैनिक सामने से लड़े तो पीछे से भी पहुंच गए थे और उन्होंने सभी संचार के माध्यम को ध्वस्त कर दिया था। जिसकी वजह से सैनिकों को काफी दिक्कत हुई थी। युद्ध के दौरान सैनिकों को मदद नहीं मिल सकी थी। जिसकी वजह भी भारत को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं रिटायर्ड कर्नल सोम शर्मा ने बताया कि देश पूरी तरह सक्षम है। अब बदल गए हैं हालात लेफ्टीनेंट कर्नल जगवीर सिंह ने बताया कि 1962 युद्ध में भले ही भारत को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 1965 और 71 में हुए युद्ध में पाकिस्तान को सबक सिखाया था। उन्होंने बताया कि अब हालात बदल चुके हैं। सेना अत्याधुनिक हत्यारों से लैस है। देश में हाईटेक असहलों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दे रही है, जबकि चीन लगातार बयानबाजी कर रहा है। उन्होंने बताया कि युद्ध करना चीन भी नहीं चाहता है। उसे भी मालूम है कि युद्ध होने से उसका भी भारी नुकसान होगा।
सरकार भी रही जिम्मेदार इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार रही है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने जवानों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। मोदी सरकार ने जवानों के हित में कई कदम उठाए हैं। जवानों की सोच में परिवर्तन आया है। सर्जिकल स्ट्राइक कर बॉर्डर पर तैनात जवानों ने अपनी शौर्य का परिचय दिया है।
राष्टपति कर चुके है सम्मानित रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल जगवीर सिंह ग्रेटर नोएडा के एडब्ल्यूएचओ सोसाइटी में रहते है। इन्होंने 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ी है। 1971 में उन्हें तत्कालीन राष्टपति वीवी गिरी ने महावीर चक्र देकर सम्मानित किया था।