दरअसल, यहां शिवाजी नगर के रहने वाले 76 वर्षीय नन्द किशोर सेन की बीमारी के चलते मौत हो गई थी, जिसके बाद इलाके के ही डड़ियापुरा स्थित श्मशान घाट में उनका दाह संस्कर संपन्न कराया गया था।
बेटे की माने तो डाह संस्कार के बाद जब अगले दिन वे वहां शव की अस्थियां लेने पहुंचे तो मौके का मंज़र देखकर सभी के रौंगटे खड़े हो गए। जिस स्थान पर डाह संस्कार किया गया था, वहां पर जगह-जगह तंत्र विद्या के सामान बिखरे हुए थे। मौके के अलामात देखकर साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि वहां किसी तांत्रिक ने तंत्र साधना की है। जिसका कभी अंदाज़ा तक नहीं था ऐसा नज़ारा देखकर बेटे के तो होश ही उड़ गए। बेटे के अचानक मुंह से निकल पड़ा.. ‘अरे पापा तो जिन्न बन गए’।
मृतक के बेटे उमेश कुमार ने बताया कि पिताजी की चिता के पास से राख के ऊपर पान, चूड़ी, चाक, अंडा, मुर्गे के पंख, मलिया, नीबू, सांग व अन्य तंत्र विधा के सामान पड़ा हुआ मिला था। बताया जा रहा है कि राख के आस-पास मिले सामान से ज़ाहिर हो रहा है कि यहां तांत्रिक पूजा किसी महिला को वश में करने के लिए की गई है।