आंध्र की स्थानीय प्रशासन की बेरुखी से परेशान हैं मजदूर
एक ओर आंध्र की सरकार अपने स्थानीय मजदूरों की सुध लेते हुए नगद के साथ साथ राशन तक पहुंचा रही हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के 953 को अपने हाल पर छोड़ दिया गया हैं । इन्हें किसी तरह का सहयोग नही किया गया हैं। मजदूरी कर जमा किए पैसे से ये खुद अपना पेट भर रहे हैं । मजदूरों ने पत्रिका से कहा कि अब इनके पास दो- तीन दिनों के लिए ही पैसा हैं, इन पर अब रोजी रोटी की संकट भी मंडराने वाली हैं। इनके साथ ही छोटे छोटे बच्चे एवं भारी भरकम मिर्ची कांवर भी हैं, जिसको लाद कर सैकड़ों किलोमीटर चल पाना मुश्किल हैं। मजबूरन वही पर रहना पड़ रहा हैं। आंध्र में फंसे मजदूरों को सडक़ किनारे ही सोना पड़ रहा है।
आंध्र में फंसे मजदूरों में बाल श्रमिक भी मौजूद
आंध्र में मिर्च तुड़ाई करने गए मजदूरों में बाल श्रमिक भी मौजूद हैं। वे भी अपना कांवर लाद कर सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हो रहे है।
मजदूर सीमावर्ती राज्यों के अलावा पूरे देश के विभिन्न जगहों में फंसे हैं देश मे लॉकडाउन जारी हैं, फंसे मजदूरों की जानकारी कलेक्टर के संज्ञान में ला कर राज्य शासन के निर्देश अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
हिमांचल साहू, कोंटा