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साइकिल से जाकर आज भी कर रही दूसरों का इलाज, पढ़िए ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही ANM पुष्पा की कहानी

locationसुकमाPublished: Jul 27, 2019 04:46:13 pm

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CG Desk

Breast cancer: पुष्पा तिग्गा खुद ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहीं है। रोज लगभग 17 किमी सायकिल से आना जाना कर लोगो का (treatment) इलाज कर रही हैं ।

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सुकमा। ब्रेस्ट कैंसर का बीमारी आजकल सामान्य बीमारी की तरह होते जा रहा है। 100 में लगभग 10 प्रतिशत आज इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं। ऐसे में लोगो के लिए एक प्रेरणा बनकर छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक महिला उभरकर सामने आई हैं। एएनएम पुष्पा तिग्गा खुद ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) की बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद ग्रामीणों का इलाज कर उन्हें नई जिंदगी दे रही है।
वे अपने फर्ज और जिम्मेदारी को बखूबी से निर्वहन करते हुए ग्रामीणों के इलाज के लिए रोजाना कई किमी साइकिल चलाकर गांव में पहुंचती है। ग्रामीणों को भी उनकी बीमारी की जानकारी है और उनके इस जज्बे को वे भी सलाम करते हैं। ऐसे वक्त में लोग हार मान लेते हैं। लेकिन पुष्पा तिग्गा (ANM pushpa tigga) जिंदा दिली की मिशाल पेश करती है। उन्होंने कभी अपनी हिम्मत और हौसले को टूटने नहीं दिया। कैंसर जैसी घातक बीमारी के होने के बावजूद भी लोगों का इलाज कर दूसरो को नई जिंदगी दे रही हैं।

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सुकमा (sukma) जिले के कुकानार क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुन्ना मेंं पिछले 12 सालों से एएनएम ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रही हैं। और वे 2007 से यहां पदस्थ है । पुष्पा ने बताया कि एक साल पहले उन्हें सीने में अचानकं दर्द होने पर मेडिकल दुकान से मलहम लेकर लगाती थी और इससे आराम मिलता था। डॉक्टर संजय चांडक ने उनसे पुछा कि आप ये दवाई किसके लिए लेकर जाती है तब उन्होंने बताया कि मेरे लिए ये दवाई लेकर जाती हूं।
पुष्पा ने उन्हें इसके बारे में बताया है । डॉ संजय चाण्डक ने तत्काल छिंदगढ BMO (Treatment of Breast cancer) को इस संबंध में जानकारी दी। उसके बाद डाक्टारों ने तत्काल सुकमा जिला अस्पताल भेजा। उसके बाद यहां से उन्हें रायपुर भेज दिया गया। जहां डॉक्टरी जांच में ब्रेस्ट कैसर (Breast cancer) पाया गया।
उसके बाद से इलाज जारी है। समय पर इलाज होने से अभी वे सामान्य है। छिंदगढ में डॉक्टरों की सुझबूझ के कारण समय पर बीमारी का पता चला और आसानी से इलाज हो गया। पुष्पा ने बताया कि रायपुर (raipur chhattisgarh) में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज चल रहा है। ऑपरेशन के बाद दवाई जारी है। प्रति माह इलाज एवं दवाई के लिए रायपुर जाना पडता है।

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सम्मानित भी हो चुकी है
एएनएम पुष्पा तिग्गा को अविभाजित दंतेवाडा (dantewada district) जिले के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए उन्हें सम्मनित भी किया है। कन्ना में ही रहकर ग्रामीणों को 12 वर्षों से सेवा करते आ रही है।

पहुंचविहीन क्षेत्र है कुन्ना
ग्राम पंचायत कुन्ना सुकमा जिले (sukma district) का पहुंच विहीन ग्राम पंचायत क्षेत्र है। माओवादी (Sukma naxal area Chhattisgarh) प्रभावित इलाका है। जहां प्रतिवर्ष किसान बीमारी के चपैट में आने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे इलाकें में 11 वर्षों से सेवा दे रही है। जहां आज भी कई गांव में जाने के लिए सड़क पुल पुलियों की सुविधाऐं नहीं है।

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ऐसे विकट परिस्थतियों के बीच खुद कैंसर (Breast cancer) से पीढित होने के बाद भी लोगों का इलाज कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों ने कहा कि बीमार रहती हो स्थानांतरण दूसरी जगह कर देते है लेकिन तब उन्होंने साफ मना किया। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं करने के पीछे यहां के लोगों से जुड़ाव है और अपनापन महसुस होता है।
pushpa tigga

17 किमी साइकिल से आना जाना पड़ता है
पुष्पा तिग्गा ने बताया कि जब 2007 में उन्होंने यहां ड्यूटी ज्वाईन की थी इस क्षेत्र के हालात बहुत ज्यादा खराब थे। यहां सिर में दवाई लेकर 10 से 15 किमी पैदल पहाड़ी पर चढऩा पड़ता है। ग्राम कुन्ना से वे 17 किमी कुकानार तक साइकिल से ही आना जाना करती हैं। यहां यातायात का कोई साधन नहीं है। वे सप्ताह के दो दिन दवाई के लिए छिंदगढ आती है। लेकिन अब उस दौर से अभी काफी सुधार आया है। आज भी ऐसे ही कई गावं है जहां इलाज के लिए जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब तक 50 से अधिक गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव कराया है।

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गांव वालों ने कहा हमारे लिए है भगवान
ग्रामीण देवा व हिरमा ने बताया कि जब से यहां पर यह नर्स पदस्थ हुई है तब से यहां के लोगों को समय पर इलाज मिल पा रहा है। एक तरह से ये हमारे लिए भगवान हैं। जिसके कारण हमारे गांव व आस पास के सैकड़ों लोगों को आज समय पर इलाज (treatment) मिल रहा है। ये हमारे लिए बड़ी राहत की बात है। हम लोग भी यही चाहते है कि वे जब तक नर्स है तब तक यहीं पर सेवा दें।

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