महिला आरक्षकों ने जिले के पुलिस अधीक्षक को अपनी लिखित शिकायत में बताया कि जिस परिसर में उनकी बतौर गार्ड ड्यूटी लगाई जाती है। वहां सेल प्रभारी आते-जाते रहते हैं। इस बीच वे महिला आरक्षकों से अभद्रतापूर्ण बातें करते हैं और दुव्र्यवहार करते हैं। रात में मोर्चा से बाहर बुलाते हैं। उनके अलावा और भी कुछ महिला गार्ड वहां रात और दिन दोनों समय की ड्यूटी पर तैनात रहती हैं। सेल प्रभारी वहां आकर उन्हें बुरी नीयत से छूते हैं। विरोध करने पर नौकरी खा जाने और ड्यूटी में अबसेंट लगाने की धमकी देते हैं।
यह शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है और फिलहाल इस पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। पुलिस विभाग ने अपने ही विभाग के पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिस एएसआई पर यह आरोप लगाए गए हैं वे सहायक पुलिस आरक्षक के रूप में पुलिस बल में भर्ती हुए थे। नक्सल क्षेत्र में बेहतर काम के लिए इन्हें दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन हासिल करने के बाद एएसआई के पद पर हैं और जिले में नक्सल सेल के प्रभारी हैं। हालांकि एएसआई पर छेड़छाड़ के कई आरोप पहले भी लग चुके हैं। विवादों से इनका पुराना नाता है।