सुकमा के सम्राट नगर में रहने वाले दिलीप खलको को फुटबॉल और क्रिकेट से बेहद लगाव था। बचपन से ही वह इलाके के स्टेडियम में खेलता रहता था। उसने अपने साथियों और जूनियर्स को भी खेल की बारीकियां सिखाई।
बीते कुछ महीने से उसे पेट दर्द की शिकायत थी। जांच के बाद पता चला की उसे ब्लड कैंसर हैं। यही नहीं उसका शरीर इतना कमजोर हो चूका था की डाक्टरों ने उसे कीमो थेरेपी देने से इंकार कर दिया और घर भेज दिया। बीते रविवार को उसका देहांत हो गया। वह मरने से पहले एक बार स्टेडियम जाना चाहता था।
उसे में उसके दोस्तों ने उसकी आखिरी इच्छा पूरी करने की खातिर उसके शव को अपने कांधे पर स्टेडियम ले गए और उसके चक्कर लगा कर उसे भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनका कहना है कि दिलीप के खेल के प्रति समर्पण को देखते हुए इस स्टेडियम का नाम उसके नाम पर कर दिया जाना चाहिए।