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कोरोना संक्रमण को देखते सप्ताहभर पहले बंद किया गया था अस्पताल, नतीजा… सर्पदंश से छात्रा की दर्दनाक मौत

locationसुकमाPublished: Jun 01, 2020 10:28:22 am

Submitted by:

Badal Dewangan

किस्टारम में 2016 से किराए के भवन में संचालित था उप स्वास्थ्य केंद्र

कोरोना संक्रमण को देखते सप्ताहभर पहले बंद किया गया था अस्पताल, नतीजा... सर्पदंश से छात्रा की दर्दनाक मौत

कोरोना संक्रमण को देखते सप्ताहभर पहले बंद किया गया था अस्पताल, नतीजा… सर्पदंश से छात्रा की दर्दनाक मौत

कोंटा. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए हर इलाके में स्वास्थ्य सेवाई बढ़ा दी गई हैं। अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन सभी ग्रामीणों को जागरूक करने में लगे हैं। महामारी के इस दौर में किस्टारम में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र को बंद कर दिया गया। २०११ में जब इस अस्पताल को शुरू किया गया था तब इसके भरोसे गंगलेर, किस्टारम, पालाचलमा, कर्रीगुंडम के गांव के लोगो को स्वास्थ्य सुविधाएं मिला करती थीं।

वर्ष 2011 के जनगणना के तहत 3035 लोगो की सरकारी आंकड़े था तब यहां अस्पतातल था। वर्तमान में इससे तीन गुना ज्यादा लोग यहां पर हैं वे सभी इसी हॉस्पिटल पर आश्रित थे। इस केंद्र में देर रात को गर्भवती माताओं का प्रशव से लेकर अन्य बीमारियों का इलाज होता रहा था। इस इलाक के लोगों के लिए यह एक वरदान थ। एक सप्ताह पहले इसे एकाएक बंद कर दिया गया। अस्पताल बंद हो जाने से ग्रामीण इलाज के नाम पर झाड़ फूंक व बैगा गुनिया पर आश्रित हो गए हैं।

सडक़ ठेकेदार ने खाली करवाया भवन
किस्टारम स्वास्थ्य केंद्र सडक़ ठकेदार के भवन में संचालित हो रहा था ठेकेदार के द्वारा 20 मई को भवन खाली करवा दिया गया। जिससे यहां के पदस्थ डॉक्टर व स्टाफ किस्टारम की स्वास्थ्य केंद्र को पुन: मराईगुडा वन में संचालित कर सप्ताह में दो दिन स्वास्थ्य शिविर लगा रहे हैं ।

12 किमी पैदल चलकर पहुंचे अस्पताल तब तक सर्प दंश से बच्ची की मौत
किस्टारम में हॉस्पिटल बंद होने की कीमत 13 साल की बच्ची पेडक़म रामना ने चुकाया किस्टारम हॉस्पिटल 20 मई को बंद हो गया डॉक्टर व स्टाफ किस्टारम अस्पताल को 21 मई से मराईगुडा वन में संचलित करने लगे। इस बीच मरईगुड़ा निवासी कक्षा आठवी कन्या आश्रम में अध्ययनरत रामना को 28 मई देर रात सर्प ने दंश मार दिया। ग्रामीण उसे दूरदराज के अस्पताल ले जाने निकले। १२ किमी चलकर वे स्वास्थ्य कें द्र पहुंचे जब तक उसका उपचार हो पाता उसने दम तोड़ दिया। परिजन का आरोप है कि यहां स्वास्थ्य केंद्र होता तो उपचार समय पर हो जाता।
किस्टारम के पूर्व सरपंच कडती सीताराम ने कहा कि अस्पताल बंद होना इस क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए एक गम्भीर समस्या हैं, यह होता तो छात्रा की जांन बच सकती थी। अस्पताल भवन बनाने वाले ठेके दार ने बताया कि अस्पताल का नया भवन बन रहा है। लॉक डाउन की वजह से काम रुक गया है। अब इसे आगामी कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

यह कहा जिम्मेदारों ने

समस्या का निराकरण किया जाएगा
इस सम्बंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोंटा हिमांचल साहू नें कहा कि इस सम्बन्ध में बीएमओ से चर्चा कर वहां के लोगो की समस्या को देखते हुए पुन: किस्टारम में अस्पताल प्रारम्भ कर समस्या का निराकरण किया जाएगा ।

दो दिन शिविर लगाया जाएगा
बीएमओ कपील देव कश्यप इस सम्बंध में कहा कि अस्पताल संचालन करने के लिए भवन नही होने के कारण ऐसा किया गया हैं । सप्ताह में दो दिन किस्टारम में स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा हैं । इसकी जानकारी सीएमएचओ को लिखित रूप से दिया हूँ । भवन की व्यवस्था होने पर हॉस्पिटल पुन: संचालन किया जाएगा ।

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