इससे शरीर गति में आ जाता है। बिना एक्सर्साइज़ किए अगर जॉगिंग की जाए, तो इससे आपके शरीर के जॉइंट्स को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आपको जोड़ों की तकलीफ हो सकती है और इसे सही होने में काफी लंबा समय लगता है।
विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप जॉगिंग शुरू (jogging for beginners) करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप पहले 1-2 महीने तक जॉगिंग की जगह टहलने को तवज्जो दें। इससे आपके शरीर की लचक बढ़ती है और घुटने भी अभ्यस्त हो जाते हैं। उसके बाद जब आप जॉगिंग शुरू करते हैं, तो घुटने पर एकाएक दबाब पड़कर उसके चोटिल होने की संभावना खत्म हो जाती है।
बहुत सारे लोग अपने शरीर की अतिरिक्त वसा कम करने और पतले होने के लिए सीधे जॉगिंग शुरू कर देते हैं। ऐसा करने से पहले वे किसी तरह का एक्सर्साइज़ नहीं करते। इसके कारण उनके घुटनों को नुकसान पहुंचता है और उनके जोड़ों में काफी दर्द (Joint Pain) रहता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं के साथ यह दिक्कत ज्यादा पेश आती है। इन एक्सर्साइज़ों के कारण जोड़ों और घुटने के बीच एक गैप आ जाता है। अगर इससे प्रभावित व्यक्ति ने समय पर अपना इलाज नहीं कराया, तो ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प बचता है।
विशेषज्ञों का कहना है की अगर एक व्यक्ति सुबह या शाम को नियमित तौर पर टहले, तब भी उसके शरीर का लचीलापन बना रहता है। ऐसे में जॉगिंग (jogging) शुरू करने पर उसके घुटने प्रभावित नहीं होते। वरना बिना किसी एक्सर्साइज़ के जॉगिंग शुरू करना घुटनों के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है। घुटनों में तेज दर्द (Joint Pain) हो सकता है और पोषण की कमी हड्डियों को बेहद कमजोर कर सकती है। कई मामलों में तो घुटने को रिप्लेस करने की नौबत आ जाती है।