सुकमा

नक्सली खौफ: जानिए ग्रामीण क्यों नहीं चाहते गांव में सड़क बने, पढ़कर सिहर उठेंगे आप

इस गांव की सुध न कोई जनप्रतिनिधि लेता है न कभी शासन के नुमांइदे आते हैं।

सुकमाJan 24, 2019 / 03:57 pm

चंदू निर्मलकर

नक्सली खौफ: जानिए ग्रामीण क्यों नहीं चाहते गांव में सड़क बने, पढ़कर सिहर उठेंगे आप

पेददागेलूर से लौटकर ईश्वर सोनी@बीजापुर. यह नक्सली प्रभावित क्षेत्र का गांव पेददागेलूर है। घने जंगलों से घिरे इस गांव में पहुंचना आसान नहीं है। पत्रिका की टीम जब इस गांव में पहुंची तो यहां के ग्रामीणों के साथ आसपास के दर्जनभर अन्य गांवों के ग्रामीण इंतजार कर रहे थे। ग्रामीणें ने अपनी समस्या दिखाने के लिए टीम को बुलाया था। यह गांव विकास से कोसों दूर है। शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। इस गांव की सुध न कोई जनप्रतिनिधि लेता है न कभी शासन के नुमांइदे आते हैं।

जानिए ग्रामीण क्यों नहीं चाहते कि गांव में सड़क बने

ग्रामीणों से बातचीत में एक चौकाने वाली बात सामने आई। ग्रामीण स्कूल, अस्पताल तो चाहते हैं पर सड़क नहीं चाहते। उनका कहना हमें सड़क नहीं चाहिए। इसका जो कारण बताया वह भी कम चौकाने वाला नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क बन गई तो पुलिस बार-बार आएगी। वे किसी को भी वारंटी बताकर अपने साथ ले जाते हैं।
यह पूछे जाने पर कि पुलिस तो आपकी सुरक्षा के लिए है तो उनका था कि पुलिस अगर सचमुच हमारी सुरक्षा करना चाहती है तो किसी को भी वारंटी बताकर न ले जाए। ग्रामीणों ने बताया कि गांवो में सभी ग्रामीणों के नाम लगभग एक जैसे होते हैं। जिसके चलते पुलिस गांव आती है और नाम पूछकर वारंटी बताकर ले जाती है।
ग्रामीण चाहते हैं कि पुलिस गावों के वारंटियों की पूरी सूची सरपंच के माध्यम से हमें उपलब्ध करवाए। ताकि हमको जानकारी हो और हम कोर्ट में जाकर स्वयं को निर्दोष साबित कर सकें। आज स्थिति ऐसी हो गई है कि हम अपनी रोजमर्रा का सामान लेने बाजार जाते हैं और पुलिस हमे जबरन वारंटी बताकर पकड़ लेती है।
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