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सुकमा

एक ऐसा गांव जहां अज्ञात बीमारी ले रहा बच्चों से बड़ों तक की जान, ढाई साल में 61 लोगों की हो चुकी है मौत

घोर नक्सल प्रभावित बस्तर के सुकमा जिले के रेगड़गट्टा गांव में फैली बीमारी से रिश्तेदारों में दहसत बना हुआ है जिससे उन्होंने गांव से दूरियां बना ली है। रेगड़गट्टा ग्राम 800 से अधिक की आबादी है जिसमे 200 घर में अधिकांश लोग बीमार हैं।

सुकमाJul 31, 2022 / 05:11 pm

CG Desk

Sukma chhattisgarh

ढाई साल में 61 लोगों की हो चुकी है मौत (सांकेतिक तस्वीर )

New Infection Disease in Sukma: सुकमा. कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के बाद देश का एक इलाका ऐसा है जहाँ के लोग एक नए बिमारी के शिकार हो रहे है। हालात ऐसी है की उस गांव में जाने से भी अब लोग कतराने लगे है। गांव के ही एक व्यक्ति माड़वी मनका ने बताया कि पिछले ढाई वर्षो में जिस प्रकार से गांव में ज्यादा संख्या में युवाओं की मौत हुई उससे रिश्तेदार व आसपास के गांव वाले भी गांव आने से कतरा रहे हैं। जितने भी लोगों की मौत हुई है, उन्हें सूजन व शरीर में दर्द और जलन की शिकायतें रही थी।

छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोन्टा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर रेगाड़गट्टा ग्राम पंचायत के आश्रित पारा उडसनपारा, स्कूलपारा, पटेलपारा, ताड़गुड़ा, कुम्हारपारा, मुसलमड़गू है। गांव में 200 के अधिक घर है जिसकी आबादी 800 है। गांव में अधिकांश लोग हाथ पांव में सूजन, शरीर दर्द व शरीर में जलन की समस्या से ग्रस्त है। विगत ढाई वर्षों में गांव के 61 लोगों की मौत हो गई है।

जब पत्रिका की टीम गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अधिकांश लोग बीमार है। बीमार लोगों को हाथ-पैर में सूजन और दर्द शरीर सहित शरीर में जलन की समस्या है। ग्रामीण कुरामी बजरी व पड़ियामी मुक्का तीन माह से बीमार थे। इन्हें आंध्रप्रदेश के भद्राचलम में इलाज करवाया हैं। इंजेक्शन व दवाई के बाद ठीक है, अभी दर्द और सूजन कम हुआ है।

मुचकी सियाराम ने बताया कि गांव में अधिकांश लोग बीमार है, गांव में आने जाने की संसाधन नहीं है पगडंडी वाला रास्ता है। गांव से करीब 4 किमी दूर मुख्य सड़क है। इलाज (New Infection Disease in Sukma) के लिए कोन्टा व सुकमा जाना पड़ता है। लंबे समय से बीमार होने की वजह से अधिकांश लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मई माह में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी। जहां पर कुछ लोगों का इलाज किया गया। उसके बाद यहां पर जो जांच सैंपल लिया गया था, जांच सैंपल का कोई जानकारी नहीं दी गई। किस कारण से यहां पर लोगों की मौत हो रही है। अगर स्वास्थ्य अमला सही से काम करता तो इतने लोग गांव में बीमार नहीं होते।

रेगड़गट्टा अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है
रेगड़गट्टा गांव काफी नक्सल प्रभावित इलाका है, जहां स्वास्थ्य जागरूकता की काफी कमी है, जिसकी वजह से लोग आज भी बीमार होने के बाद अस्पताल नहीं जा पाते हैं, क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है। अगर इन लोगों को समय पर स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता दी जाए तो इस बीमारी का इलाज यह लोग आगे आकर करा सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि यहां के लोग अभी भी स्वस्थ्य संबंधी जानकारी को लेकर बिल्कुल भी जागरूक नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को पहल करनी चाहिए।

पंचायत सचिव ने बरती लापरवाही
गांव में हो रही मौत के मामले को लेकर अगर पंचायत सचिव स्वास्थ्य अमला को लेकर कोई पहल किए होते तो शायद गांव में इतनी बड़ी संख्या में मौत का आंकड़ा नहीं पहुंचता। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत सचिव साल में एक दो बार बड़ी मुश्किल से आते हैं। गांव में इस प्रकार से स्थिति और यहां के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि जिला बनने के 10 वर्ष बाद भी यहां कोई विकास और ना ही कोई बुनियादी सुविधा मौजूद है।

एक ऐसा गांव जहां अज्ञात बीमारी ले रहा बच्चों से बड़ों तक की जान, ढाई साल में 61 लोगों की हो चुकी है मौत

 

जगदलपुर से मेडिकल टीम सोमवार को जाएगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार जगदलपुर मेडिकल कॉलेज से टीम रेगड़गट्टा ग्रामीणों की जांच के लिए पहुंचेगी। मेडिकल टीम सोमवार को गांव में जांच के लिए जाएगी। क्योंकि बारिश का मौसम है अगर कहीं अधिक बारिश हुई तो मेडिकल टीम को गांव पहुंचने के लिए काफी दिक्कतें होगी। इस स्थिति को देखते हुए, गांव के बीमार लोगों को कोन्टा या फिर सुकमा जिला अस्पताल लाकर जांच की जा सकती है।

सीएमएचओ डॉ यशवंत ध्रुव ने बताया कि 11 लोगों का सैंपल लिया गया था जिसमें से चार लोगों को किडनी की शुरुआती प्रॉब्लम के लक्षण मिले हैं, इसके अलावा अन्य 8 लोगों को यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, इन सभी लोगों को जल्द ही गांव से अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद इन सभी का इलाज करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम के द्वारा 171 लोगों का स्वास्थ्य जांचा गया। जिसमें से 130 लोगों का मलेरिया जांच किया गया। जिसमें से तीन लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं।

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