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ठेकेदारों के चंगुल से पुलिस ने छह बाल मजदूरों को कराया रिहा, ओडिसा और आंध्रप्रदेश के तीन आरोपी गिरफ्तार

locationसुकमाPublished: Jan 05, 2020 05:40:13 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

बाल मजदूरी और मानव तस्करी (human trafficking in CG) रोकने चलाए जा रहे अभियान के तहत कोंटा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने छह बाल मजदूरों को ठेकेदारों के चंगुल से रिहा कराया है। (Chhattisgarh police)

ठेकेदारों के चंगुल से पुलिस ने छह बाल मजदूरों को कराया रिहा, ओडिसा और आंध्रप्रदेश के तीन आरोपी गिरफ्तार

ठेकेदारों के चंगुल से पुलिस ने छह बाल मजदूरों को कराया रिहा, ओडिसा और आंध्रप्रदेश के तीन आरोपी गिरफ्तार

सुकमा. बाल मजदूरी (child labour in chhattisgarh ) और मानव तस्करी रोकने चलाए जा रहे अभियान के तहत कोंटा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने छह बाल मजदूरों को ठेकेदारों के चंगुल से रिहा कराया है। वहीं बाल मजदूरी के लिए सक्रिय तीन ठेकेदारों को गिरफ्तार किया है। कोंटा थाना प्रभारी गौरव पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों ठेकेदारों का ताल्लुक ओडिसा और आंध्रप्रदेश से है। छुड़ाए गए नाबालिग बच्चों की उम्र 10 से 17 वर्ष के बीच है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को रविवार को बाल संरक्षण समिति सुकमा भेजा गया है। जहां से काउंसलिंग के बाद नाबालिगों को उनके परिजनों के हवाले किया जाएगा।
लंबे समय से बाल मजदूरी के लिए सक्रिय थे ठेकेदार
बाल मजदूरों को ले जाते हुए पकड़े गए तीनों ठेकेदार लंबे समय से छत्तीसगढ़ की सीमा पर सक्रिय थे। पुलिस ने बताया कि आंध्रप्रदेश के वेस्ट गोदावरी जिला निवासी गुर्रम उदय किरण, पिता अप्पा राव, उम्र 27 वर्ष, अंजी पिता पुल्लयाह उम्र 32 वर्ष और ओडिसा के मालकानगिरी जिला निवासी मड़कम सन्ना, पिता मड़कम जोगा उम्र 50 वर्ष को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपियों को श्रम विभाग को सौंपा गया है।
70 बंधक बच्चों को पुलिस ने कराया था मुक्त
हाल ही में 19 दिसंबर 2019 को कोंडागांव पुलिस ने मानव तस्करी का बड़ा रैकेट तोड़ा था। संवेदना योजना के ऑपरेशन में पुलिस ने सेलम, चेन्नई, हैदराबाद और ओडिशा के कुछ शहरों में छापा मारकर 70 बंधक बच्चों को मुक्त कराया था। पूरे अभियान में छत्तीसगढ़ के 42 बालिकाओं 28 बालकों को रेस्क्यू कर वापस लाया गया था। कार्रवाई में पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। कोंडागांव पुलिस को सूचना मिली थी कि जिले के बालक-बालिकाओं, महिलाओं को कुछ लोग ज्यादा पैसों में काम दिलाने का लालच देकर आन्ध्रप्रदेश ,तमिलनाडु, ओडिशा में बंधुआ मजदूर की तरह काम करवा रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस कार्रवाई की। सभी बंधकों को मुक्त कराया था।

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