सभा के दौरान कलेक्टर ने कहा जिले में लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए सबको जुनुनी लड़ाई लडऩा होगा। जिले में प्रत्येक साल बड़ी संख्या में लोगों को मच्छरों के काटने से मलेरिया होता हैं। हमें मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए हर सम्भव काम करना होगा। मलेरिया का मच्छर जहां पैदा होता हैं। वहां पर मच्छर के लार्वा को नष्ट करने के लिए केमिकल छिड़काव करना होगा।
मच्छर लार्वा खाने वाली गम्बूशिया मछली को रूके हुऐ पानी के स्त्रोतों में छोडऩा, ब्लिंचिंग पाउडर का जल स्त्रोतों में डलाना और चूना पाउडर का छिड़काव सभी रूके हुए जल संग्रहण के स्थानों पर करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर विशेष ध्यान देना होगा कि हमारे घरों के आसपास अनावश्यक पानी नहीं रूके। घर के कुलरों में पानी नहीं रखा जाए एवं कुलरों की नियमित सफाई की जाए।
टूटे टायर और अन्य स्त्रोत जिसमें पानी रूकता है वहां पानी नहीं रूके इसके लिए सभी के सम्मिलित सहयोग की जरूरत हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिले के सभी परिवारों को मच्छरदानी शीघ्र प्रदाय करें। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग करनेए दवा छिड़काव के लिए जन सहयोग लिया जाए तथा मलेरिया से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार कर लोगों को ज्यादा से ज्यादा मलेरिया से बचाव के लिए किए जा रहे कार्य में जोड़ा जाए।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सहयोग से प्रत्येक गांव में तीन युवाओं की टीम तैयार की गई जो मच्छररोधी दवा का मशीन द्वारा छिड़काव करेगी। इसका निर्धारित कार्यक्रम तैयार कर हर गांव में जानकारी दी जाए। छिड़काव, स्कूल आश्रम, छात्रावास, पोटाकेबिन और आंगनबाडिय़ों और कैम्पों में अनिवार्य रूप से किया जाए।
कलेक्टर ने बैठक में स्वास्थ्य और महिला बाल विकास के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्र में ही हो और सभी गर्भवती माताओं की नियमित जांच हो और उनका टीकाकरण हो।
इस व्यवस्था को शीघ्र शुरू करने के निर्देश कलक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए।
सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषित किया जाए
इसके लिए सभी को जुनून के साथ काम करना होगा तभी यह संभव हो पाएगा। कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके साथ आए अण्डे को नि:शुल्क स्वच्छ ताजा भोजन उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए कूपन सिस्टम से पास के छात्रावास या पोटाकेबिन या आश्रम से टिफिन मंगाया जा सकता है। बाद में संकलित कूपनों के आधार पर भुगतान किया जा सकता हैं।
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