प्रत्येक आपरेटर से 700 रूपए की अवैध मांग
सुकमा जिले के समस्त विद्युत आपरेटर विगत 15 सालों से काम कर रहे हैं। बिजली विभाग के द्वारा हर दो साल में टेन्डर निकाला जाता है तथा अभी वर्तमान में जेबीएस इन्टरप्राईजेस प्राईवेट कम्पनी में जून 2022 से कार्य कर रहे हैं। जेबीएस इन्टरप्राईजेस प्राईवेट के द्वारा हमें 3 माह का वेतन और ईपीएफ राशि प्रदान की गई तथा राशि प्रदान करने पश्चात जेबीएस इन्टरप्राईजेस प्राईवेट की कम्पनी कें सुपरवाईजर धनश्याम देशमुख व सुनील सिहं के द्वारा प्रत्येक सबस्टेशन से प्रत्येक आपरेटर से 700 रूपए की अवैध मांग की जा रही थी तथा 700 रुपए ना देने पर दुरूस्त आंचलों में स्थानांतरण करने की धमकी दी जा रही है।
सुपरवाइजर डाल रहा है विद्युत आपरेटर पर दबाव
ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष गोपाल मंडल का स्थानांरण भी कर दिया गया है। इसको लेकर सुपरवाइजर व आपरेटर की बैठक हुई। बैठक में सुपरवाइजर ने यह बात कही कि 700 रूपए प्रत्येक आपरेटर के द्वारा दिया जाए। जो 700 रूपए नही देता है उससे शपथ पत्र मांगा जा रहा है। शपथ पत्र पढ़ने से इसमें ऑपरेटर के हित में कोई भी बातें नही लिखी गई है यह शपथ पत्र सीधे तौर पर आपरेटर का शोषण कर सुपरवाईजर को लाभ पहुंचा रहा है और उसी के हित में शपथ पत्र है।
इसलिए बैठक के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि शपथ पत्र किसी भी आपरेटर द्वारा नही दिया जाएगा। सभी आपरेटरों ने सुपरवाइजर के गलत नियम का विरोध किया है। उक्त सुपरवाइजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग विद्युत ऑपरेटर संघ के द्वारा की जा रही है।
विद्युत ऑपरेटर ने बताया कि विद्युत स्टेशन व विद्युत सबस्टेशन के लिए नए ऑपरेटरों की प्लेसमेंट कैम्प के माध्यम से भर्ती हुई। उन सभी ऑपरेटरों को नियमित नौकरी का हवाला देकर सुपरवाइजर ने सिक्योरिटी मनी के नाम पर 20 हजार से 40 हजार रुपए नगद वसूली की। इस बात का खुलासा तब हुआ तब जब नए विद्युत ऑपरेटर काम पर पहुंचे। इन युवाओं ने पुराने विद्युत ऑपरेटरों को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति के लिए पैसे नहीं लगते हैं, यह एक निजी कंपनी के अंतर्गत कार्य करना होता है, उसके बाद जिन युवाओं ने सुपरवाइजर को नौकरी लगाने के नाम पर पैसे दिए थे उसे वापस मांगने पर उन्हें धमकी दिया जा रही है, यह सभी युवा मिलकर अब कलेक्टर, विभागीय अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होता थे यह काफी परेशान हैं।