जबकि यात्रियों का सफर मुश्किलों भरा साबित हो रहा है। रिजर्वेशन टिकट पर आरक्षित कोचों में कहीं बैठकर तो कहीं खाली जगह मिली तो नीचे चादर बिछाकर कमर सीधी करते हैं। रेलवे का मार्च से लेकर जून तक पीक यात्री सीजन होता है। गाडिय़ों में स्थायी तौर पर कोच संख्या बढ़ाने के लिए पिछले कई वर्षों से मशक्कत की जा रही है, लेकिन जरूरत के मुताबिक नए कोच बिलासपुर जोन को रेलवे बोर्ड उपलब्ध नहीं करा सका। दूसरी तरफ सबको कन्फर्म टिकट देने के सपने दिखाए जा रहे हैं।
रायपुर जंक्शन से होकर चलने वाली ट्रेनें में सौ से डेढ़ की वेटिंग में यात्री सफर करने का मजबूर हैं। ग्रीष्मकालीन छुट्टियों, जिसमें लोग देश के अलग-अलग पर्यटन और धार्मिक स्थलों के लिए जाते है। शादी ब्याह के सीजन में राज्य के अंदर चलने वाली ट्रेनें के अलावा लंबी दूरी की ट्रेनों में कन्फर्म टिकट के लिए मारामारी की स्थिति है।
इन रूटों में सबसे अधिक भीड़ रेलवे प्रशासन की सूची में छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से शालीमार, शालीमार-जयपुर, सिकंदराबाद-बरौनी, हैदराबाद-रक्सौल, सिकंदराबाद-दरभंगा एवं हबीबगंज-पुरी जैसे स्टेशनों में यात्रियों का सबसे अधिक दबाव बना हुआ है। अफसरों का मानना है कि इन रूटों में मार्च से जून-जुलाई महीने तक 236 फेरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। इससे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, नागपुर रेल रूट के साथ ही साथ बिलासपुर, पेंड्रारोड,अनुपपुर, शहडोल, कटनी रूट के रेल यात्रियों को सुविधा मिल रही है ।
यात्रियों के सुविधा के मद्देनजर स्पेशल ट्रेन चलाने के साथ ही पीक सीजन में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा अलग-अलग ट्रेनों में 732 अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं। यह सुविधा यात्रियों को जुलाई तक मिलेगी।
-शिव प्रसाद पंवार, सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर