जुलूस निकालकर किया गया धरना प्रदर्शन
जिले में हुई श्रमिकों के महाबन्दी से बैंक, डाक, बीएसएनएल सहित एक दर्जन विभागों में कार्य ठप हो गया है। एक दर्जन विभागों के कर्मचारियों ने सड़क पर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जुलूस निकालकर धरना प्रदर्शन किया। ग्रामीणांचल बैंकिंग सेवा बन्द होने से लोगों को भारी किल्लत हुई। इस दौरान डाक विभाग और बैकों में वर्किंग बन्द होने से करीब 160 करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
निजीकरण, मूल्यवृद्धि, बैंकों के विलय, आउटसोर्सिंग और पुरानी पेंशन बहाली आदि मुद्दों सरकारी और निजी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष अशोक कुमार शुक्ल और संयोजक अरुण सिंह ने दावा किया है कि बंदी से करीब पौने दो सौ करोड़ रुपए का क्लीयरेंस नहीं हो सका है। दूसरी तरफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस हड़ताल में शामिल नहीं है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष नीलम श्रीवास्तव, कनकलता त्रिपाठी, रसोइया, पीआरडी जवान समाख्या कार्यकर्ता आदि ने कार्य वहिष्कार किया।
जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
बिजली विभाग कर्मचारी संघ अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बिजली विभाग का निजीकरण करना चाह रही है, इसीलिए वर्ष 2003 से पेंशन योजना बन्द कर दी गई है। वहीं आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष नीलम श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 10 हजार रुपए प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन आज तक नहीं दिया गया। यह सरकार का आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के साथ धोखा है। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को दिन रात काम के बदले सिर्फ 4 हजार रुपए ही मिलते हैं। जो जीवन गुजारने के लिए काफ़ी कम है। सड़क पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।