जानें क्या है पूरा मामला
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के कबरी गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले प्रधान जेपी निषाद की हत्या को लेकर सुपारी देने का मामला सामने आया। आरोप के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर जितेन्द्र सिंह मुन्ना के भाई शारदा प्रसाद उर्फ राजा बाबू की कबरी गांव में पीट-पीटकर ग्रामीणों ने हत्या कर दी थी। अपने भाई की मौत का जिम्मेदार जेपी निषाद प्रधान को मानते हुए जितेन्द्र सिंह मुन्ना के परिवार वालों ने उसे हटाने की योजना बना ली। अभियोजन के मुताबिक इसी मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आरोपियो को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई और उन्हें घटना को अंजाम देने के लिए दुष्पेरित किया गया।
इस मामले में आरोपीगण रोहित तिवारी, मोहित मिश्रा, कमल मिश्रा, अंंकित तिवारी, उत्तम उर्फ विक्रम सिंह व इमरान का नाम प्रकाश में आया। जिनके खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 115,302 में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले को विचारण के लिए एडीजे एकादश के सुपुर्द किया गया। इसी मामले में चार्ज के बिन्दु पर सुनवाई चली। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाशचन्द्र उपाध्याय व अशोक शुक्ला समेत अन्य ने पुलिस के जरिये लगाई गयी भादवि की धारा 302 को अनुचित बताते हुए चार्जशीट पर सवाल उठाया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने पुलिस की चार्जशीट के अनुसार आरोपियों पर भादवि की धारा 302 में आरोप तय किये जाने का आधार पर्याप्त न पाते हुए मात्र भादवि की धारा 115 में आरोप तय किया और सभी आरोपियों को धारा 302 में चार्ज के बिन्दु पर ही बड़ी राहत दी है।
पुलिस की विवेचना पर खड़ा हुआ सवाल
अदालत के इस अहम फैसले से पुलिस की तफ्तीश पर सवाल उठा है एवं अभियोजन पक्ष को बड़ा झटका लगा है। कबरी प्रधान की हत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के अलावा मोहित मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ अन्य मामले में भी एडीजे एकादश की अदालत में सुनवाई चली। इस दौरान कपड़ा व्यवसायी व पत्रकार दिनेश पांडेय पर हुए जानलेवा हमले के मामले में आरोपीगण मोहित मिश्रा, कमल मिश्रा व उत्तम सिंह के खिलाफ चार्ज के बिन्दु पर सुनवाई चली। अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किया है।