विशिष्ट श्रेणी के कैदियों की सूची राज्यपाल को भेजी
जिला प्रशासन ने जिला कारागार में सजा काट रहे 6 विशिष्ट कैदियों को चिन्हित करके डीआईजी जेल को भेजी गई है। जिसको संस्तुति के बाद चयनित कैदियों की सूची प्रदेश के राज्यपाल को भेजी जाएगी, उनकी संतुति के बाद उन्हें दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन आजाद कर दिया जाएगा। अदालत द्वारा सुनाई गई सजा का 50 फीसदी से अधिक समय सजा काट चुके जिन कैदियों को रिहा किया जाना है, उसमें एक सुलतानपुर व पांच अमेठी जिले के हैं। जुलाई के अंतिम पखवारे में मोदी सरकार ने मामूली अपराध में सीमित अवधि के लिए दंडित किए गए कैदियों को गांधी जयंती पर रिहा करने का आदेश दिया था।
पहली श्रेणी में ऐसी महिला कैदियों को शामिल किया जाना है, जिनकी उम्र 55 वर्ष या उससे अधिक है और उन्होंने 50 फीसद सजा भोग ली हो। बताया जाता है कि इस श्रेणी में जिला कारागार में एक भी महिला कैदी मौजूदा समय में निरुद्ध नहीं है। दूसरी श्रेणी में 55 वर्ष से अधिक के ट्रांसजेंडर कैदियों को रखा गया है।
जेल से रिहा होने की यह है शर्त
जेल से आजाद होने में इस कटेगरी में भी सजा का पचास फीसदी समय जेल में गुजरने की बाध्यता है। इस श्रेणी के बंदी भी अमहट जेल में नहीं हैं। ऐसा जेल अधिकारी बता रहे हैं कि तीसरी श्रेणी साठ साल के ऐसे कैदियों की है, जिन्होंने पचास फीसदी सजा भोग ली है। इसमें अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले चार कैदियों को शामिल किया गया है। कैदियों की चौथी श्रेणी सत्तर फीसद दिव्यांग और पांचवीं मरणासन्न की है।
ऐसे बंदी जेल में नहीं हैं
छठवीं और आखिरी श्रेणी सजा का 66 प्रतिशत समय जेल में गुजार चुके कैदियों की है। इसमें अमेठी के बाजार शुकुल तथा सुल्तानपुर जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र निवासी दो कैदियों को शामिल किया गया है।
गांधी जयंती पर रिहा होंगे ये कैदी
कैदी का नाम – बलराम पुत्र श्याम बहादुर, थाना कूरेभार, सुलतानपु। धारा और अपराध- 147-उपद्रव, 148-घातक शस्त्र के साथ उपद्रव, 504-गाली देना, 307/149 गिरोह के सदस्य द्वारा जानलेवा हमला। राधे पुत्र शंभू, थाना बाजार शुकुल, अमेठी धारा और अपराध-304-गैर इरादतन हत्या, श्याम बहादुर पुत्र गोकरन , अयोध्या पुत्र शिवदयाल , जगदीश पुत्र रामप्यारे , सूर्यभान पुत्र त्रिभुवन थाना मुसाफिरखाना जनपद अमेठी धारा अपराध-304 (1) गैर इरादतन हत्या, 147-उपद्रव है।
बोलीं जेल सुपरिंटेंडेंट अमिता दुबे
जेल अधिक्षिका अमिता दुबे ने बताया कि चिन्हित कैदियों की सूची 31 अगस्त को ही पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार को भेजी गई थी। राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद बंदियों को रिहा किया जाएगा।