मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत स्थित आनूपुर गांव से जुड़ा है। जहां का रहने वाला शैलेन्द्र तिवारी उर्फ राजू 19 जून 2010 की रात में दरवाजे के सामने तख्त पर लेटा हुआ था। रात में गला काटकर उसकी हत्या कर दी गई। सुबह भाई का शव देखने पर बहन महिमा तिवारी पुत्री दुर्गा प्रसाद तिवारी ने अज्ञात के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। तफ्तीश के दौरान गांव के ही आरोपी ज्ञान प्रकाश मिश्र उर्फ सोनू का नाम सामने आया और उसकी निशानदेही पर उसके ही छप्पर से हत्या में प्रयुक्त गड़ासा भी बरामद किया गया।
शैलेन्द्र की गला काटकर हत्या कर दी पुलिस के मुताबिक आरोपी ज्ञान प्रकाश मिश्र को अपनी बहन का शैलेन्द्र तिवारी के साथ अवैध संबंध का संदेह था, जिसकी वजह से ही उसने शैलेन्द्र की गला काटकर हत्या कर दी। मामले में जुटाए गए सबूतों के आधार पर आरोपी ज्ञान प्रकाश के विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया। जिसका विचारण एडीजे सप्तम की अदालत में चल रहा था। मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष से नियुक्त न्यायमित्र ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत किया, वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता रमेशचंद्र यादव ने अपने साक्ष्यों एवं छ: गवाहों को पेश किया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश अजय कुमार दीक्षित ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।