पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने 1 जुलाई 2010 को सुलतानपुर जिले की अमेठी तहसील को छत्रपति शाहू जी महाराज नगर के नाम से नए जिले के गठन की अधिसूचना जारी की थी। याचिका पर उच्च न्यायालय ने 5 जुलाई 2013 को छत्रपति शाहू जी महाराज नगर को समाप्त कर दिया था, लेकिन तीन दिन बाद ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिला गठन को लेकर एक नई अधिसूचना जारी कर दी, जिसके बाद अमेठी का कुछ हिस्सा सुलतापुर में तो सुलतानपुर का कुछ हिस्सा अमेठी में चला गया। कभी अमेठी तो कभी सुलतानपुर के चक्कर में लोगों की समस्याएं बढ़ती चली गईं।
अमेठी में वोट डालते हैं सुलतानपुर के लोग
नवसृजित तहसील बल्दीराय के अस्तित्व में आने के बाद धनपतगंज विकासखण्ड के पूर्वी छोर के चार दर्जन से अधिक गांवों की स्थित कटी पतंग की तरह हो गई। तीन किलोमीटर दूर सदर तहसील छोड़ उन्हें 45 किलोमीटर की दूरी तय कर बल्दीराय तहसील जाने के लिये मजबूर होना पड़ता है। इतना ही नहीं है, यहां के लोगों को संसदीय क्षेत्र अमेठी के बूथों पर मतदान करने जाना पड़ता है। इनके मतों की गिनती अमेठी में कई जाती है। परिसीमन के चलते बल्दीराय तहसील से बमुश्किल 2 से 5 किलोमीटर दूर हलियापुर सर्किल के 29 गांवों के लोग भी तहसील बल्दीराय होने से काफी परेशान है। कटका, माएंग, सर्किल के हजारों लोग सदर तहसील में जुड़ने के लिये संघर्षरत हैं तो हलियापुर के 29 गांवों के ग्रामीण बल्दीराय में जुड़ने को लेकर प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय की चौखट तक एड़ियां रगड़ रहे हैं।
नवसृजित तहसील बल्दीराय के अस्तित्व में आने के बाद धनपतगंज विकासखण्ड के पूर्वी छोर के चार दर्जन से अधिक गांवों की स्थित कटी पतंग की तरह हो गई। तीन किलोमीटर दूर सदर तहसील छोड़ उन्हें 45 किलोमीटर की दूरी तय कर बल्दीराय तहसील जाने के लिये मजबूर होना पड़ता है। इतना ही नहीं है, यहां के लोगों को संसदीय क्षेत्र अमेठी के बूथों पर मतदान करने जाना पड़ता है। इनके मतों की गिनती अमेठी में कई जाती है। परिसीमन के चलते बल्दीराय तहसील से बमुश्किल 2 से 5 किलोमीटर दूर हलियापुर सर्किल के 29 गांवों के लोग भी तहसील बल्दीराय होने से काफी परेशान है। कटका, माएंग, सर्किल के हजारों लोग सदर तहसील में जुड़ने के लिये संघर्षरत हैं तो हलियापुर के 29 गांवों के ग्रामीण बल्दीराय में जुड़ने को लेकर प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय की चौखट तक एड़ियां रगड़ रहे हैं।
सामने आया लोगों का दर्द
तहसील बल्दीराय के धनपतगंज बिकास खण्ड के कटका व माएंग सर्किल के लोगों ने ‘पत्रिका’ संवाददाता से राय शुमारी की तो उनका दर्द सामने आया। कलखुरा के नकहा निवासी जमुना सिंह का कहना है कि रोजमर्रा के तहसील सम्बन्धी कार्यों के लिए 5 किलोमीटर की दूरी 45 किलोमीटर जाने के बाद पूरी हो रही है। भैरवपुर निवासी व्यवसायी काली प्रसाद ने बताया कि तहसील बल्दीराय के बजाय सदर ग्रामीणों के लिये ज्यादा उपयोगी है। प्रतापपुर गांव के रमेश कुमार सिंह का कहना है कि गांवों की दूरी व ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखकर तहसील से जोड़ना ज्यादा हितकर होगा। अमऊ जासरपुर निवासी ललऊ मिश्र ने बताया कि कानूनगो सर्किल सराय गोकुल को बल्दीराय के सदर तहसील में जोड़ने के लिये शासन प्रशासन व न्यायालय से बराबर मांग की जा रही है।
तहसील बल्दीराय के धनपतगंज बिकास खण्ड के कटका व माएंग सर्किल के लोगों ने ‘पत्रिका’ संवाददाता से राय शुमारी की तो उनका दर्द सामने आया। कलखुरा के नकहा निवासी जमुना सिंह का कहना है कि रोजमर्रा के तहसील सम्बन्धी कार्यों के लिए 5 किलोमीटर की दूरी 45 किलोमीटर जाने के बाद पूरी हो रही है। भैरवपुर निवासी व्यवसायी काली प्रसाद ने बताया कि तहसील बल्दीराय के बजाय सदर ग्रामीणों के लिये ज्यादा उपयोगी है। प्रतापपुर गांव के रमेश कुमार सिंह का कहना है कि गांवों की दूरी व ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखकर तहसील से जोड़ना ज्यादा हितकर होगा। अमऊ जासरपुर निवासी ललऊ मिश्र ने बताया कि कानूनगो सर्किल सराय गोकुल को बल्दीराय के सदर तहसील में जोड़ने के लिये शासन प्रशासन व न्यायालय से बराबर मांग की जा रही है।
तहसील सुलतानपुर में और थाना अमेठी में
जिले के बंटवारे के समय केवल भदैया ब्लॉक में 63 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन परिसीमन के बाद यह यह संख्या 69 हो गई जो 2017 में बढ़कर 72 हो गई। इस ब्लॉक की 52 ग्राम पंचायतों के 180 गांव सुलतानपुर जिले की कोतवाली देहात क्षेत्र में तथा 20 ग्राम पंचायतों के 65 गांव अमेठी जिले के पीपरपुर थाना क्षेत्र में चले गए। 20 ग्राम पंचायतों के 65 गांव जैसे महेसुआ, कनौरा, कैभा, ग्यानीपुर, जमुवावा पश्चिम, असर्वन, सन्सारीपुर, रामपुर, दिलावलपुर, बजेठी, भीखमपुर, कल्याणपट्टी, दाऊदपट्टी, जददुपुर, बेलसौना आदि गांवों के राजस्व सम्बन्धी मामले सुलतानपुर जिले के लम्भुआ तहसील में निपटाये जाते हैं, जबकि इन गांवों का थाना क्षेत्र अमेठी जिले का पीपरपुर पड़ता है। इन गांवों के लोगों को 25 से 35 किमी लम्बा रास्ता तय कर पीपरपुर थाने जाना पड़ता है।
जिले के बंटवारे के समय केवल भदैया ब्लॉक में 63 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन परिसीमन के बाद यह यह संख्या 69 हो गई जो 2017 में बढ़कर 72 हो गई। इस ब्लॉक की 52 ग्राम पंचायतों के 180 गांव सुलतानपुर जिले की कोतवाली देहात क्षेत्र में तथा 20 ग्राम पंचायतों के 65 गांव अमेठी जिले के पीपरपुर थाना क्षेत्र में चले गए। 20 ग्राम पंचायतों के 65 गांव जैसे महेसुआ, कनौरा, कैभा, ग्यानीपुर, जमुवावा पश्चिम, असर्वन, सन्सारीपुर, रामपुर, दिलावलपुर, बजेठी, भीखमपुर, कल्याणपट्टी, दाऊदपट्टी, जददुपुर, बेलसौना आदि गांवों के राजस्व सम्बन्धी मामले सुलतानपुर जिले के लम्भुआ तहसील में निपटाये जाते हैं, जबकि इन गांवों का थाना क्षेत्र अमेठी जिले का पीपरपुर पड़ता है। इन गांवों के लोगों को 25 से 35 किमी लम्बा रास्ता तय कर पीपरपुर थाने जाना पड़ता है।
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