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सुरेंद्र सिंह हत्याकांड में एक और गिरफ्तारी, कोर्ट ने तीन को भेजा जेल, पुलिस को लगाई कड़ी फटकार

locationसुल्तानपुरPublished: May 29, 2019 05:16:05 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– सीजेएम कोर्ट ने सुरेंद्र सिंह हत्याकांड में तीन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल- मुख्यमंत्री और डीजीपी के निर्देश के बाद भी पुलिस हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं कर सकी- हत्या में इस्तेमाल हथियार न बरामद कर पाने पर पुलिस को लगाई फटकार- थानाध्यक्ष जामो ने कहा- हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी एवं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास जारी है

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सुरेंद्र सिंह हत्याकांड में एक और गिरफ्तारी, कोर्ट ने तीन को भेजा जेल, पुलिस को लगाई कड़ी फटकार

सुलतानपुर. स्मृति ईरानी के करीबी पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस ने एक और नामजद आरोपित गोलू सिंह को गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य आरोपित की तलाश के लिए दबिश दी जा रही है। हालांकि, पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के पीआरओ संतोष सिंह ने अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार तीन आरोपितों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां सीजेएम आशारानी सिंह ने सभी की रिमांड स्वीकृत कर आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। हत्याकांड में अभी तक इस्तेमाल किये हथियार को बरामद न कर पाने पर कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।
अमेठी जिले के गौरीगंज के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेन्द्र सिंह के हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश के बाद भी पुलिस आलाकत्ल (हत्या में इस्तेमाल हथियार) बरामद नहीं कर सकी। पुलिस अदालत को घुमाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए आला कत्ल बरामद करने का सख्त चेतावनी दी है। थानाध्यक्ष जामो ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी एवं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास जारी है।
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मामला जामो थाना क्षेत्र के अमर बोझा-बरौलिया गांव का है। यहां के रहने वाले नरेंद्र बहादुर सिंह ने बीते 25 मई की रात हुई अपने छोटे भाई सुरेंद्र प्रताप सिंह की हत्या के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक, घटना की रात उसके भाई पूर्व प्रधान सुरेंद्र प्रताप सिंह घर के बरामदे में सोये हुए थे। पास में भतीजा अभय व अनुराग भी सोये हुए थे। अचानक फायर की आवाज सुनकर जगे तो गांव के ही आरोपी वसीम, उसका भाई नसीम, आरोपी गोलू निवासी पीढ़ी-फुरसतगंज पूर्व प्रधान को गोली मारकर भागते दिखे। पास स्थित सड़क पर गांव के ही बीडीसी रामचंद्र भी खड़े थे। इस वारदात के पीछे प्रधानी के चुनाव के रंजिश को लेकर आरोपी धर्मनाथ गुप्ता पर भी षडयंत्र रचने का आरोप लगा।

आरोप है कि बीडीसी रामचंद्र से उनके भतीजे के बीच सांसद पद के चुनाव को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसको लेकर भी वारदात को अन्य सहयोगियों की मदद से अंजाम देने की वजह बतायी गयी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 302,120बी एवं आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पूर्व प्रधान व भाजपा नेता की चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद ही हत्या होने से अमेठी जिले से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गयी।
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स्मृति ईरानी के हस्तक्षेप से हाई प्रोफाइल हुआ मामला
नव निर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी भी पूर्व प्रधान के शव को कंधा देने तक पहुंच गयी। मामला हाई प्रोफाइल स्तर का हो जाने के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर डीजीपी को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने आरोपी बीडीसी रामचंद्र, सह आरोपी धर्मनाथ गुप्ता व मो. नसीम को तमंचा व कारतूस समेत अन्य हथियारों के साथ बीते सोमवार की दोपहर मठिया धूरामऊ के पास से गिरफ्तार किया गया। उन्हें मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बरामद हथियारों के साथ पेश किया गया। फिलहाल अभी तक पुलिस हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल बरामद नहीं कर सकी है।

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