अफरोज ने बताया कि 6 महीने पहले उसके बड़े भाई मेराज अपने दोस्त के मत्स्य पालन के तालाब के पास से इस सारस को घर ले आए थे। तब सारस की उम्र डेढ़ महीने थी। देखते देखते वह बड़ा हो गया और परिवार का हिस्सा बन गया है।
अफरोज ने बताया कि उनके सारस को आटा और आलू भोजन काफी पंसद है। जब उसको भूख लगती है तो वह आवाज करके लोगों को बुलाता है। खाने-पीने के बाद खेलने में मस्त हो जाता है। पूरे गांव के साथ स्वीटी सारस खेलता है। उसे लोगों के साथ रहना और घूमना पंसद है।
अफरोज नेपाली ने कहा कि मुझे आरिफ भाई और सारस की दोस्ती के बारे में पता चला था। यूट्यूब चैनल से कमाई के चक्कर में उन्हें अपने दोस्त से अलग कर दिया। हमें इस तरह की चीजों के चक्कर में नहीं पड़ना है। हमें उससे प्यार है। हम उससे कोई प्रचार या कमाई नहीं करना चाहते है ।
सुलतानपुर के डीएफओ राज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें अफरोज के सारस की जानकारी सोशल मीडिया से मिली, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने छतौना पहुंचकर सारस को अपने कब्जे में लिया है। उच्च अधिकारियों के आदेश पर सारस को पालने वाले अफरोज पर कार्रवाई की जा सकती है।