बताया सुल्तानपुर का इतिहास विधायक ने अवगत कराया कि सुल्तानपुर जिला अयोध्या और प्रयागराज के पवित्र धामों के बीच अवस्थित है। जिले में धोपाप, मकरीकुंड, सीताकुंड, विजेथुआ जैसे महत्वपूर्ण पौराणिक स्थल स्थित है। इस तथ्य के पौराणिक साक्ष्य हैं कि हम सबके आराध्य भगवान राम के कनिष्ठ पुत्र कुश ने इस जनपद को अपनी राजधानी बनाया और इसका नामकरण कुशभवनपुर के रूप में किया था। पत्र में बताया कि खिलजी बादशाह ने अपनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के क्रम में जिले का नाम सुल्तानपुर कर दिया।
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बदल जाएंगे इन जिलों के भी नाम जिलों के नाम बदलने की मांग के बीच योगी सरकार यूपी के अन्य जिलों का नाम बदलने की तैयारी में है। इसमें सुल्तानपुर के अलावा बदायूं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद अलीगढ़ और शाहजहांपुर शामिल हैं। अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ या आर्यगढ़ किया जा सकता है। इसी तरह बदायूं को वेद मऊ, फिरोजाबाद को चंदनगर, फर्रुखाबाद को पांचालनगर और शाहजहांपुर को शाजीपुर करने की मांग उठी है।
योगी सरकार ने बदला था सबसे पहले मुगलसराय का नाम सत्ता संभालते ही योगी सरकार ने सबसे पहले मुगलसराय का नाम बदला था। मुगलसराय का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय कर दिया था। इसी तरह इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या हुआ।
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मायावती ने भी बदले नाम मायावती ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महात्मा बुद्ध और दलित महापुरुषों के नाम पर दर्जनभर जिलों के नाम बदले। गाजियाबाद का एक हिस्सा जो नोएडा कहलाता है, वह गौतमबुद्धनगर हुआ। अमेठी का नाम बदलकर छत्रपति शाहूजी महाराज कर दिया था। इसी तरह अन्य जिलों के भी नाम बदले। अखिलेश ने बदले थे 8 जिलों के नाम अखिलेश सरकार भी जिलों के नाम की राजनीति से बच नहीं पाई। यादव सरकार में आठ जिलों के नाम बदले गए थे। सत्ता में आते ही अखिलेश ने अमेठी का नाम बदलकर गौरीगंज कर दिया था। मायावती कार्यकाल में हापुड़ का नाम पंचशील था, उसे फिर पुराना नाम मिला। ज्योतिबाफुले नगर का नाम अमरोहा, महामाया नगर को हाथरस, कांशीराम नगर को कासगंज, रमाबाई नगर को कानपुर देहात, प्रबुद्ध नगर को शामली और भीमनगर को संभल कर दिया था।