लोगों की समस्याएं न राहुल गांधी ने सुनीं और न वरुण गांधी ने सुनीं
बंदवारे का दंश झेल रहे थे अमेठी-सुलतानपुर के लोगवर्ष 2010 में जिले का बंटवारा होकर क्षत्रपति शाहूजी महाराज (अमेठी) जिला बनने के बाद से दोनों जिलों के लाखों लोगों को बंटवारे का दंश झेलना पड़ता था। जिले के सीमावर्ती इलाकों के गांवों के लोगों को राजस्व कार्यों के लिए सदर तहसील, बल्दीराय तहसील तथा लम्भुआ तहसील जाना पड़ता था, जबकि सुरक्षा या पुलिस से संबंधित अन्य कार्यों के लिये अमेठी जिले के पीपरपुर थाना, मुसाफिरखाना तथा बाजारशुकुल थाना और पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए अमेठी जिले के मुख्यालय गौरीगंज जाना पड़ता था। इसी तरह अमेठी जिले के लाखों लोगों को पुलिस कार्यों के लिए धम्मौर थाना, कोतवाली देहात, बल्दीराय तथा हलियापुर थाना जाना पड़ता था, वहीं राजस्व से संबंधित कार्यों के लिए अमेठी तहसील, मुसाफिर खाना तहसील तथा जिलाधिकारी से मिलने के लिए गौरीगंज जाना पड़ता था ।
अमेठी जिले की मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र की लखनऊ- वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग 56 पर पड़ने वाली पुलिस चौकी अलीगंज को सुलतानपुर जिले का थाना बनाये जाने की मांग उन गांवों के लोगों ने किया है, जो गांव अब तक तहसील तो सुलतानपुर सदर थी लेकिन, थाना मुसाफिरखाना चौकी अलीगंज पड़ती थी । उल्लेखनीय है कि अमेठी जिले के इस थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी अलीगंज क्षेत्र में पड़ने वाले घुसियरिया, ऊंचागांव, मठारामपुर, बबुरी, खण्डसा, मनियारी, टिकरिया, दाउदपुर और सिंदूरी आदि गांव सुलतानपुर जिले की सदर तहसील में पड़ते थे।