ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुआ था मामला ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव के दौरान हुए हमले व एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं से जुड़े मामले में हाजिर न होने पर स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने पूर्व विधायक व संभावित लोस प्रत्याशी चन्द्रभद्र सिंह सोनू एवं उनके छोटे भाई यशभद्र सिंह मोनू तथा अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ फरारी की उदघोषणा की कार्रवाई जारी करने का आदेश दिया है।
घटना 5 फरवरी 2016 की है मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के धनपतगंज ब्लाक से जुड़ा है। जहां पर पांच फरवरी 2016 को ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई घटना का जिक्र करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह व उनकी समर्थक नीलम कोरी ने बसपा नेता एवं पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू , उनके अनुज यशभद्र सिंह मोनू तथा उनके अन्य अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
नामांकन के दिन हुआ था हमला मालूम हो कि प्रमुख पद की कुर्सी पाने की जंग में जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने सपा प्रत्याशी नीलम कोरी का पार्टी की तरफ से खुलकर समर्थन किया था। आरोप है की पर्चा दाखिला के दिन अध्यक्ष उषा सिंह अपने पति शिव कुमार सिंह व अन्य समर्थकों के साथ धनपतगंज ब्लाक पर नामांकन कराने पहुंची थी, इसी दौरान हुए हमले के मामले में यशभद्र सिंह मोनू व उनके भाई पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू एवं समर्थकों ने जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह और नीलम कोरी के ऊपर हमला बोल दिया था। मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष ने फायरिंग करने,वाहनों को क्षतिग्रस्त करने समेत अन्य गम्भीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में जिपं अध्यक्ष उषा सिंह,उनकी समर्थक नीलम कोरी व जिला पंचायत सदस्य कमला देवी समेत अन्य पर हमले का आरोप लगा था। इस मामले में आरोप पत्र भी दाखिल हुआ।
पूर्व विधायक पर इलाहाबाद कोर्ट में चल रही सुनवाई नई व्यवस्था के तहत माननीयों से जुड़ा मामला स्पेशल जज एमपी-एमएलए इलाहाबाद की कोर्ट पर ट्रांसफर कर दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक स्पेशल कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक समेत अन्य आरोपी हाजिर नहीं हो रहे है।जिनके खिलाफ स्पेशल जज ने कड़ा रुख अपनाते हुए एनबीडब्ल्यू व धारा दप्रसं- 82 (फरारी की उदघोषणा) की कार्रवाई जारी करने का आदेश दिया है।मामले में आगामी 23 अपैल की तिथि तय की गई है।