युद्ध स्तर पर शुरू हो गया काम पीएमओ के इशारे पर लखनऊ-वाराणसी रेलखंड के आधुनिकीकरण का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। लखनऊ-वाराणसी रेलखंड के उतरेटिया स्टेशन से जफराबाद रेलवे स्टेशन के बीच 271 किमी तक डबल ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। इस ट्रैक पर गाड़ियों का संचालन भी शुरू हो गया है। इस रेलखंड पर भविष्य में बुलेट ट्रेन के संचालन को देखते हुए बहुत ठोंक -बजाकर काम चल रहा है। रेल अधिकारियों की टीम इस रेलखण्ड को बार-बार परख रही है। बताते चलें कि मुंबई-हैदराबाद के बाद दिल्ली-कोलकाता वाया सुल्तानपुर, वाराणसी हाईस्पीड रेलगाड़ी चलाने का तानाबाना रेलवे बोर्ड बन रहा है। देखा जाय तो उतरेटिया-जफराबाद रेलखंड पर 22 पैसेंजर ट्रेन और 120 एक्सप्रेस ट्रेनों का आवागमन होता है। वहीं जफराबाद-वाराणसी के बीच 28 पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन है और करीब 206 मेल (एक्सप्रेस) सुपरफास्ट ट्रेने चलती हैं।
इस रेलखंड पर ये हैं प्रमुख ट्रेनें इस रेलखंड पर चलने वाली प्रमुख ट्रेनों में नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी, वाराणसी- जम्मूतवी बेगमपुरा,हरिद्वार हावड़ा कुम्भ एक्सप्रेस,सुहेलदेव एक्सप्रेस, वरुणा एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, सद्भावना एक्सप्रेस, महामना एक्सप्रेस,मरुधर एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस आदि हैं। देखा जाय तो यह रूट माल ढुलाई के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक आंकड़े के अनुसार इस रेलखंड पर 18 मालगाड़ियों का प्रतिदिन आवागमन होता है।
पूरा हो चुका है दोहरीकरण का काम सहायक मण्डल अभियंता मंगल यादव ने बताया कि फ़रवरी माह में ही जफराबाद-उतरेटिया रेलखंड के दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है। नए रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू हो गया है। उनके मताबिक इस रेलवे रूट पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने की योजना पर काम चल रहा है। पिछले साल ही स्पेन की कम्पनी इनको टिप्सा आइसीटी ने सर्वे करने के बाद हाई स्पीड ट्रेन परिचालन परियोजना की रिपोर्ट रेल कारपोरेशन को सौंप दी थी।
यह स्टेशन होंगे हाई स्पीड परियोजना में शामिल नई दिल्ली से वाराणसी तक 720 किमी की दूरी का सफर है। इस योजना के तहत प्रथम चरण में दिल्ली से लेकर वाराणसी तक 720 किमी हाईस्पीड ट्रैक बिछाने की योजना है। दिल्ली से वाराणसी तक कि 720 किमी की दूरी तय करने में बुलेट ट्रेन को 3 घण्टे से भी कम समय लगेगा।
इन स्टेशनों पर होगा ठहराव तय योजना के तहत बुलेट ट्रेन का इन स्टेशनों पर ठहराव होगा। नई दिल्ली से बुलेट ट्रेन का पहला ठहराव ग्रेटर नोएडा, उसके बाद अलीगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर और उसके बाद वाराणसी में होगा।