आचार्य डॉ. शिवबहादुर तिवारी ने बताया कि साल 2020 के अंतिम ग्रहण का समय दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर एक छाया से पहला स्पर्श। दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर परमग्रास चंद्रग्रहण होगा। शाम 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
आचार्य ने बताया कि चंद्रग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए ओम् श्रीकृष्णाय नमः का जाप श्रेष्ठ रहेगा। भगवत उपासना कर चन्द्रग्रहण के कुप्रभाव से काफी हद तक बचा जा सकता है।
आचार्य ने बताया कि चंद्रग्रहण वृष राशि में पड़ने वाला है। ऐसे में इसका सर्वाधिक प्रभाव वृष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। इस राशि के जातक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। चन्द्रमा मन व माता का कारक होने से उन्हें अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। साथ ही साथ स्वयं को मानसिक तनाव से दूर रखना होगा। वृषभ राशि पर होने से कृष्ण मन्त्र लाभदायक है। इस दौरान गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दोरान बाहर न निकलें। ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी पत्ता जरूर डाल दें या पहले ही भोजन कर लें। ग्रहण के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य करें।