कांग्रेस हाईकमान तक मजबूत पकड़ रखने वाले संदीप तिवारी को करीब 5 माह पहले लखनऊ पुलिस, एसटीएफ के सहयोग से पंजाब पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था और उन्हें पंजाब ले जाकर उनके खिलाफ उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उन्हें जेल भेज दिया था। उन ऊपर आरोप यह लगा था कि उनका सम्बन्ध और संरक्षण पंजाब के बब्बर खालसा के आतंकियों से था। उस समय उनकी लखनऊ में गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस पार्टी में काफी हाय तौबा मची थी। जिले के कांग्रेसी नेताओं ने पिन्टू तिवारी की गिरफ्तारी को विपक्षी दलों की साजिश करार दिया था। कांग्रेसी नेताओं ने तब यह कहा था कि सच कभी हारता नहीं, बल्कि परेशान होता है।
पिंटी की गिरफ्तारी से सुलतानपुर से लखनऊ और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस पार्टी में हलचल मच गयी थी। बसपा नेता और पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने इनकी गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किये थे, जबकि जिले के अन्य नेताओं ने चुप्पी साध लिया था। कई न्यूज़ चैनलों ने तो बाकायदा डिबेट कराया था।
कई महीनों बाद जब पिन्टू तिवारी जेल से रिहा होने के बाद जिले में पहुंचे तो जगह-जगह उनके चाहने वालों ने उनका स्वागत किया गया। कांग्रेस नेता पिंटू तिवारी का जिले के धम्मौर, अकारीपुर, अमहट आदि इलाको में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। स्वागत के बाद उनका काफिला विजेथुआ महावीरन दर्शन के लिए गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिन्टू तिवारी को बेवजह जेल भेजा गया था।