scriptलड़की को भगाने के बाद रेप का मामला : मां-बाप को 5-5 साल की कैद, आरोपी बेटे को 7 साल का सश्रम कारावास | court decision on minor girl rape case in sultanpur | Patrika News

लड़की को भगाने के बाद रेप का मामला : मां-बाप को 5-5 साल की कैद, आरोपी बेटे को 7 साल का सश्रम कारावास

locationसुल्तानपुरPublished: Oct 13, 2018 02:29:32 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

किशोरी को बहलाकर भगाने एवं बलात्कार के मामले में एफटीसी जज प्रथम की अदालत ने आरोपी मां-बाप व बेटे को दोषी करार दिया है…

rape case in sultanpur

लड़की को भगाने के बाद रेप का मामला : मां-बाप को 5-5 साल की कैद, आरोपी बेटे को 7 साल का सश्रम कारावास

सुलतानपुर. किशोरी को बहलाकर भगाने एवं बलात्कार के मामले में एफटीसी जज प्रथम की अदालत ने आरोपी मां-बाप व बेटे को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश प्रभानाथ त्रिपाठी ने दोषी मां-बाप को पांच-पांच वर्ष एवं बलात्कार के दोषी पुत्र को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में एक महिला आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के सेमरी दरगाह गांव से जुड़ा है। यहां के रहने वाले आरोपी सुंडुल उर्फ इस्लाम अहमद, उसके पिता रुस्तम अली, मां शायरा बानो व सह आरोपी शहनाज बानो के खिलाफ अभियोगी ने नौ मार्च 2007 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक, सुंडुल व उसके घरवालों का वरिष्ठ नेताओं व लड़कियों का अपहरण करने वाले गैंग से नाजायज ताल्लुकात हैं। इसी बात पर पूर्ण विश्वास जाहिर करते हुए अभियोगी ने अपनी बेटी को भी बहलाकर भगा ले जाने के आरोप में सभी पर मुकदमा दर्ज कराया।
तफ्तीश में बलात्कार की पुष्टि
तफ्तीश के दौरान किशोरी के साथ बलात्कार की भी पुष्टि हुई। इस मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को पेश किया, वहीं अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने नौ गवाहों को परीक्षित कराया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज प्रभानाथ त्रिपाठी ने आरोपी शहनाज बानो के खिलाफ सबूत न होने के चलते उसे साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, वहीं आरोपी रुस्तम व उसकी पत्नी शायरा बानो को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड एवं आरोपी सुंडुल उर्फ इस्लाम अहमद को दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास व 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो