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कोर्ट का आदेश न मानना एसपी को पड़ा महंगा, एसपी की गैरहाजिरी को लेकर नोटिस जारी

locationसुल्तानपुरPublished: Apr 09, 2019 11:31:38 am

Submitted by:

Neeraj Patel

अदालत ने विधिक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए एसपी के खिलाफ नोटिस जारी किया, केस दर्ज करने का भी दिया आदेश

Court issues notice to sultanpur SP about absence

कोर्ट का आदेश न मानना एसपी को पड़ा महंगा, एसपी की गैरहाजिरी को लेकर नोटिस जारी

सुलतानपुर. कोर्ट के कड़े रुख के बाद हरकत में आए एसपी ने कई वर्षों से बकाया चल रही क्षतिपूर्ति धनराशि मातहतों के माध्यम से अदा करवा दी लेकिन आदेश के बावजूद भी कोर्ट आने से परहेज रखा। पीड़ित पक्ष की मांग पर एडीजे चतुर्थ मनोज कुमार शुक्ल की अदालत ने मुकदमे को खत्म कर दिया लेकिन एसपी की अवमानना पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने विधिक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए एसपी के खिलाफ नोटिस जारी किया है।

गौरतलब हो कि सदर तहसील क्षेत्र स्थित शाहपुर निवासी रेहाना बेगम पत्नी सरवर के दस वर्षीय पुत्र अनवर को 23 जुलाई 2002 के दिन पुलिस की गाड़ी ने टक्कर मार दी थी। जिसके चलते उसकी मौत हो गयी। जिसको लेकर जिला न्यायालय में क्षतिपूर्ति याचिका दाखिल की गयी थी।

एसपी के खिलाफ न्यायालय ने सुनाया था फैसला

विचारण के बाद जिला न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक के खिलाफ फैसला सुनाया और क्षतिपूर्ति धनराशि जमा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। इस फैसले को पुलिस विभाग ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के आदेश को बहाल करते हुए पुलिस विभाग की अपील खारिज कर दी। इसी धनराशि की वसूली के लिए रेहाना की तरफ से पड़ी अर्जी कोर्ट में कई वर्षों से विचाराधीन रही।

कोर्ट ने डीएम एसपी को किया था तलब

कोर्ट ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए एसपी और डीएम को व्यक्तिगत रूप से तलब कर जवाब मांगा था। जिसके बाद चिट्ठी भिजवाकर अपने को चुनावी कार्य में व्यस्त बताते हुए एसपी की तरफ से दो माह के समय की मांग की गई। फिलहाल इसे बहानेबाजी मानते हुए कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दिया और चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर एसपी को कार्यमुक्त रखने के लिए कहा। कोर्ट का यह आदेश चर्चा में रहा, जिससे पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी हुई।

मामले में एसपी की तरफ से केस ट्रांसफर की अर्जी देकर कोर्ट की कार्यवाही का डर जाहिर करते हुए कोर्ट पर सवाल भी उठाया गया। ट्रांसफर अर्जी पर सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तिथि नियत है। फिलहाल दूसरी तरफ एसपी की ओर से मामले में 2.88 लाख रुपए का चेक दाखिल किया गया और शेष रकम पीड़ित पक्ष को नकद अदा करा दिया गया। पीड़ित पक्ष की संतुष्टि के आधार पर अदालत ने मामले को निस्तारित कर दिया है,जिसके चलते जिला जज की अदालत में विचारधीन एसपी की ट्रांसफर अर्जी औचित्यहीन हो गई है। लेकिन एसपी के जरिए की गयी अवमानना पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने क्रिमिनल केस दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने एसपी को विधिक कार्यवाही की चेतावनी देते हुए 350 दंप्रस की नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए आगामी 27 मई की तिथि नियत की है।

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