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कोर्ट का आया बड़ा फैसला, पढ़ी-लिखी पत्नी नहीं है गुजारे की हकदार

locationसुल्तानपुरPublished: Oct 17, 2019 03:47:49 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

कोर्ट का आया बड़ा फैसला, पढ़ी-लिखी पत्नी नहीं है गुजारे की हकदार

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सुलतानपुर. भरण-पोषण की मांग को लेकर फैमिली कोर्ट में पत्नी की तरफ से पड़ी अर्जी को अपर प्रधान न्यायाधीश आनन्द प्रकाश ने जायज न मानते हुए ठुकरा दिया है। अदालत ने गुजारे के लिए पड़ी अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया हैं। मामला जयसिंहपुर थाना क्षेत्र के बझना गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले धुव्र नारायण के खिलाफ उनकी पत्नी रानू ने फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण की मांग को लेकर वर्ष 2012 में याचिका दायर की थी। मामले में दोनों पक्षों ने सुनवाई के दौरान अपने-अपने साक्ष्यों एवं तर्कां को प्रस्तुत किया।

धुव्र नारायण के अधिवक्ता चन्द्र प्रकाश पांडेय ने रेनू को उसके पति के जरिये एक पत्नी की तरह साथ रखने एवं पति धर्म के दायित्वों का निर्वहन करने का विश्वास दिलाया। वर पक्ष ने यह भी कहा कि रेनू काफी पढ़ी लिखी है,उसके अंदर ऐसा हुनर है कि वह अपना भरण-पोषण करने में सक्षम है। इन्हीं आधारों पर रेनू की मांग को जायज न होना बताते हुए याचिका खारिज किये जाने की मांग की।
वहीं पत्नी रेनू के अधिवक्ता ने धुव्र नारायण से गुजारे की रकम दिलाया जाना उचित बताते हुए अर्जी स्वीकार करने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट-आनन्द प्रकाश ने महिला की मांग को जायज न मानते हुए भरण-पोषण सम्बंधी अर्जी खारिज कर दी।
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