इस लचर कार्यशैली पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूर्व में पांच सौ रुपये का हर्जा भी अभियोजन पक्ष पर किया था। बावजूद इसके अभियोजन पक्ष की लापरवाही जारी रही। मामले में सुनवाई के लिए नियत तिथि पर भी यही हाल रहा। जिस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक हजार रुपये का हर्जा किया है। अदालत ने हर्जे की राशि को जमा कराने एवं लापरवाह अभियोजक,नगर कोतवाल समेत अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्यवाही कराने के संबंध में डीएम को पत्र भेजा है।
साथ ही अदालत ने यह चेतावनी दी है कि अभियोजन की इस लापरवाही से मुकदमें में कोई प्रतिकूल आदेश होता है तो उसके जिम्मेदार डीएम ही होंगे। कोर्ट ने एसपी को भी गवाहों को हाजिर कराने के संबंध में कड़ा निर्देश दिया है।