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सीएम से शिकायत के डर से सीओ के छूटे पसीने, अदालत में कराया पीड़िता का बयान, विधायक पर भी लगे गंभीर आरोप

locationसुल्तानपुरPublished: Apr 25, 2018 11:14:31 am

दुष्कर्म पीड़िता दलित महिला को स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट श्यामजीत की अदालत में पीड़िता का दप्रस-164 के अंतर्गत बयान दर्ज कराया ।

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सुल्तानपुर. मुख्यमंत्री से शिकायत की डर से हरकत में आये क्षेत्राधिकारी लंभुआ मुकेश चन्द्र उत्तम ने दुष्कर्म पीड़िता दलित महिला को स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट श्यामजीत की अदालत में पीड़िता का दप्रस-164 के अंतर्गत बयान दर्ज कराया ।


मालूम हो कि चांदा थाना क्षेत्र के एक गांव की दुष्कर्म पीड़िता एक दलित महिला ने चांदा थाना क्षेत्र के इशीपुर निवासी आरोपियों के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए थे। घटना के मुताबिक 7 अक्टूबर वर्ष 2017 की घटना बताते हुए पीड़िता का आरोप है कि स्थानीय विधायक के दबाव में पुलिस ने पहले आरोपियों पर रिपोर्ट ही नहीं दर्ज होने दी । परिणाम स्वरुप पीड़िता को अदालत की शरण लेनी पड़ी।स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब आरोपियों पर कार्रवाई से परहेज कर रही है। आरोप है कि एक अक्टूबर वर्ष 2017 को शौच के लिए निकली दलित महिला के साथ आरोपी संजय मिश्रा, बृजेश व एक अन्य व्यक्ति ने दुराचार किया। संजय मिश्रा के खिलाफ पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

महिला का आरोप है कि स्थानीय भाजपा विधायक के दबाव में पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। मामले की तफ्तीश क्षेत्राधिकारी मुकेश चन्द उत्तम कर रहे हैं। आरोप है कि विधायक के दबाव में आरोपियों पर कोई कार्रवाई नही हो रही है। यही नहीं मामले की शिकायत किसी अधिकारी से करने पर जान से मार डालने की धमकी भी मिल रही है। पुलिसिया कार्यशैली से निराश होकर पीड़िता ने मुख्यमंत्री से मिलकर आप बीती सुनाने का ऐलान किया था। यह मामला जब चर्चा में आया तो विधायक की सिफारिश को दरकिनार कर हरकत में आये सीओ मुकेश चन्द्र उत्तम ने पीड़िता को मंगलवार के दिन 164 बयान के लिए स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट की अदालत में पेश किया। जिसके उपरान्त पीड़िता का बयान एसीजेएम द्वितीय आभापाल की अदालत में दर्ज किया गया।

अब देखना है कि काफी दिनों से मामले की तफ्तीश में ढिलाई बरत रहे सीओ ने मात्र मुख्यमंत्री तक यह मामला न पहुंचे इसलिए जल्दबाजी दिखाकर पीड़िता का बयान दर्ज कराया है या फिर वह वास्तव में निष्पक्ष विवेचना कर आरोपियों पर कार्रवाई करते हैं। फिलहाल सीओ मामले में क्या गुल खिलाते हैं यह भी कुछ ही दिनों में पता चल ही जाएगा।

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